Jharkhand News: JAC इंटर स्टेट टॉप टेन में 78 विद्यार्थी, पर सरकारी प्लस टू विद्यालय के मात्र 17
झारखंड में 510 सरकारी स्कूल प्लस टू स्कूल हैं. लेकिन जैक द्वारा जारी रिजल्ट में स्टेट टॉप 10 में केवल 17 छात्र जगह बना पाये हैं. राज्य गठन के बाद से ही यहां 3 बार शिक्षकों की नियुक्ति हुई.
रांची : झारखंड में 510 सरकारी प्लस टू स्कूल हैं. लेकिन इंटर 2022 के तीनों संकाय के स्टेट टॉप टेन में शामिल कुल 78 विद्यार्थियों में मात्र 17 ही सरकारी प्लस टू स्कूलों से हैं. 49 टॉपर्स इंटर कॉलेज के हैं. इन प्लस टू स्कूलों में तीन बार शिक्षकों की नियुक्ति भी हो चुकी है. लेकिन यहां न विद्यार्थी बढ़े और न ही इनका रिजल्ट कॉलेज से बेहतर संभव हो पाया.
ऐसे हालत तब है, जब राज्य गठन के बाद से इन प्लस टू स्कूलों की संख्या 59 से बढ़कर 510 हो चुकी है. आगे 125 प्लस टू स्कूलों में भी पढ़ाई शुरू होनेवाली है.उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, वाणिज्य संकाय स्टेट टॉप टेन में शामिल कुल 28 विद्यार्थियों में 21 इंटर कॉलेज के हैं. तीन विद्यार्थी डिग्री कॉलेज व चार विद्यार्थी प्लस टू स्कूल के हैं. कला संकाय में टॉप टेन में शामिल 20 विद्यार्थियों में से 14 इंटर कॉलेज के हैं. पांच विद्यार्थी प्लस टू स्कूल व एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय की हैं.
किसमें से कितने टॉपर
संकाय प्लस टू स्कूल इंटर कॉलेज
वाणिज्य 04 21
कला 05 14
विज्ञान 08 14
(इसके अलावा टॉप टेन में आठ छात्रा इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हजारीबाग, तीन डिग्री कॉलेज व एक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रा है. )
रांची के संत जेवियर्स कॉलेज और उर्सुलाइन इंटर कॉलेज के अलावा इंटर साइंस कॉलेज हजारीबाग का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ
वेतन सर्वाधिक, परिणाम संतोषजनक नहीं
राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई चार स्तर पर होती है. अंगीभूत कॉलेज, इंटर कॉलेज, डिग्री संबद्ध कॉलेज व प्लस टू स्कूल. इनमें से प्लस टू विद्यालय का संचालन शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है. सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ भी प्लस टू स्कूल के विद्यार्थियों को ही मिलता है. प्लस टू स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए राज्य स्तर पर परीक्षा ली जाती है. प्लस टू स्कूल के शिक्षकों को वेतन भी सबसे अधिक मिलता है.
इंटर कॉलेज के शिक्षक को 15 हजार तक मानदेय
राज्य में कुल 330 इंटर कॉलेज हैं. 200 कॉलेजों को स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त है. इनमें से 170 कॉलेजों को ही अनुदान मिलता है. इंटर कॉलेजों को 50 करोड़ रुपये अनुदान मिलता है. कॉलेज के शिक्षक को औसतन 15 हजार तक मानदेय मिलता है.
प्लस टू शिक्षकों का 75 हजार से 1.15 लाख वेतन
राज्य के 510 प्लस टू विद्यालयों में 2546 शिक्षक कार्यरत हैं. प्लस टू के शिक्षकों को अधिकतम 1.15 लाख से 75 हजार तक वेतन मिलता है. ऐसे में एक शिक्षक का वेतन 80 हजार भी मान लिया जाये तो इनके वेतन पर सालाना 200 करोड़ से अधिक खर्च होता है.
अंगीभूत कॉलेज शिक्षक को छह से आठ हजार
राज्य के अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की कक्षा लेने वाले शिक्षक को प्रति कक्षा 400 रुपये या अधिकतम 12 हजार रुपये मानदेय देने का प्रावधान है. एक शिक्षक को कक्षा के अनुरूप प्रति माह छह से आठ हजार तक मानदेय मिलेगा.
Posted By: Sameer Oraon