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खतरे में 10वीं में प्रोमोट हुए 45 हजार छात्रों का भविष्य, नहीं दे पाएंगे 2022 मैट्रिक की परीक्षा

कोरोना के कारण जैक ने नौवीं से 10वीं क्लास छात्रों को सीधे प्रोमोट कर दिया था. अब उनमें से 45 हजार छात्रों का भविष्य खतरे में है. क्यों कि इन लोगों ने परीक्षा फॉर्म ही नहीं भरा. इस परीक्षा में शामिल होने के लिए 4.25 लाख लोगों ने पंजीयन कराया था.

रांची : कोरोना के कारण वर्ष 2021 में कक्षा नौ की परीक्षाएं नहीं हुई थी. इसके चलते नौवीं के शत-प्रतिशत विद्यार्थियों को दसवीं कक्षा में प्रमोट कर दिया गया था. प्रोमोट होने के बाद वर्ष 2022 की मैट्रिक परीक्षा के लिए वर्ष 2020 में पंजीयन हुआ था. वर्ष 2022 की परीक्षा में शामिल होने के लिए 4.25 लाख विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था. लेकिन इनमें से लगभग 45 हजार विद्यार्थियों ने मैट्रिक परीक्षा का फार्म भरा ही नहीं.

फॉर्म जमा करने की तिथि 30 नवंबर को समाप्त हो गयी. पंजीयन करानेवालों में से 3.80 लाख ने ही परीक्षा फॉर्म जमा किया है. इसके अलावा 20 हजार वैसे विद्यार्थियों ने फार्म जमा किया है, जिनका पंजीयन 2020 से पूर्व का है. कुल मिलाकर चार लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा फार्म जमा किया है. उल्लेखनीय है कि एक पंजीयन के आधार पर विद्यार्थी तीन वर्ष तक के लिए परीक्षा में शामिल हो सकते हैं.

जैक ने 12 दिनों का अतिरिक्त समय भी दिया था :

परीक्षा फॉर्म जमा करने को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा 12 दिनों का अतिरिक्त समय दिया गया. जैक ने 18 नवंबर तक परीक्षा फॉर्म जमा करने की तिथि घोषित की थी. जिसे बढ़ाकर बाद में 30 नवंबर तक कर दिया गया था.

वर्ष 2021 की तुलना में 33 हजार कम हुए परीक्षार्थी : वर्ष 2021की तुलना में मैट्रिक के परीक्षार्थियों की संख्या में लगभग 33 हजार की कमी आयी है. वर्ष 2021 की मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने के लिए 433571 परीक्षार्थियों ने आवेदन जमा किया था, जबकि वर्ष 2022 के लिए लगभग चार लाख आवेदन जमा हुआ है.

इंटर में 50 हजार कम हुए परीक्षार्थी

मैट्रिक के साथ इंटर में भी परीक्षार्थियों की संख्या में कमी आयी है. वर्ष 2021 की इंटर तीनों संकाय मिलाकर परीक्षा में शामिल होने के लिए लगभग 3.31 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा फॉर्म जमा किया था. जबकि वर्ष 2022 की परीक्षा के लिए लगभग 2.80 लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन जमा किया है. वर्ष 2021 की तुलना में परीक्षार्थियों की संख्या में लगभग 50 हजार की कमी आयी है. परीक्षार्थियों की संख्या में यह रिकार्ड कमी है.

परीक्षार्थी कम होने के संभावित कारण

कोविड 19 के कारण वर्ष 2021 में कक्षा नौ व 11वीं के विद्यार्थी बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट हुए थे. जिन विद्यार्थियों ने फॉर्म जमा नहीं किया उनके बारे में कहा जा रहा है कि कोविड के कारण स्कूल बंद होने के कारण विद्यार्थी ड्राॅप आउट हो सकते हैं, या फिर बोर्ड परीक्षा की बेहतर तैयारी को लेकर विद्यार्थियों ने परीक्षा फॉर्म ही जमा नहीं किया हो.

Posted By : Sameer Oraon

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