रांची : झारखंड के हाइस्कूल में पिछले वर्ष नियुक्त शिक्षक भी मैट्रिक की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कर सकते हैं. राज्य में शिक्षकों की कमी को देखते हुए झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा इस आशय का प्रस्ताव तैयार किया गया है. शिक्षा विभाग की स्वीकृति के बाद पिछले वर्ष नियुक्त शिक्षक भी उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कर सकेंगे. झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अधिनियम के अनुरूप उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के लिए तीन वर्ष का शैक्षणिक अनुभव अनिवार्य है. इससे पूर्व में भी आवश्यकता अनुसार तीन वर्ष से कम अनुभववाले शिक्षकों से उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन किया गया है.
इसके लिए विभाग से अनुमति ली गयी थी. राज्य में पिछले वर्ष हाइस्कूल में लगभग चार हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. इसमें से 3400 शिक्षकों की नियुक्ति मई में हुई थी. राज्य के हाइस्कूल में लगभग 25 हजार शिक्षकों के पद सृजित हैं, इनमें से लगभग 10 हजार पद रिक्त हैं. लोकसभा चुनाव शुरू होने से पूर्व उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन पूरा करने की तैयारी है. मैट्रिक, इंटर की परीक्षा 26 फरवरी को समाप्त होगी. इस दौरान जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा व वोकेशनल विषयों के उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन परीक्षा समाप्त होने से पहले शुरू हो जायेगी. जबकि अन्य विषयों के कॉपियों का मूल्यांकन मार्च के प्रथम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है. मार्च अंत तक मूल्यांकन का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. मैट्रिक व इंटर दोनों परीक्षा का रिजल्ट 10 जून तक जारी हो जाने की संभावना है. राज्य में मैट्रिक , इंटर की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए 48 केंद्र बनाये गये हैं.