झारखंड : 15 दिनों के लिए अज्ञातवास में चले जायेंगे भगवान जगन्नाथ, जानें दर्शन पर क्यों लग जाती है रोक?
रथ मेला के समीप आते ही मेला की तैयारी शुरू कर दी गयी है. मेला परिसर में अभी से ही छोटे-छोटे दुकान लगने लगे हैं. भगवान जगन्नाथ स्वामी की रविवार को स्नान यात्रा है. इसके बाद भगवान 15 दिनों के लिए अज्ञातवास में चले जायेंगे.
Jagannath Yatra 2023: भगवान जगन्नाथ स्वामी की रविवार को स्नान यात्रा है. इसके बाद भगवान 15 दिनों के लिए अज्ञातवास में चले जायेंगे. स्नान यात्रा दिन के एक बजे शुरू होगी, जो 1:45 बजे तक चलेगी. भगवान को अश्वगंध, गुलाब जल, हल्दी, कुमकुम, सुगंधित पुष्प, गंगा जल औषधि जल से बारी-बारी से स्नान कराया जायेगा. इस स्नान के बाद आम भक्त प्रभु को स्नान करायेंगे. दिन के 3:30 बजे तीनों विग्रह एकांतवास में चले जायेंगे. माना जाता है कि प्रभु अधिक स्नान कर लेने से बीमार हो जाते हैं, उनको बुखार आ जाता है. फिर प्रभु 15 दिनों के लिए एकांतवास में चले जाते हैं. प्रभु की 15 दिनों तक गुप्त पूजा-अर्चना होती है और उनका औषिध्य उपचार किया जाता है. इसी दौरान प्रभु को गुंडीचा यात्रा के लिए तैयार भी किया जाता है.
19 की शाम में एकांतवास के बाद प्रभु दर्शन देंगे
प्रभु 19 जून को शाम के चार बजे अपने भक्तों को दर्शन देंगे. इस दिन उनका नेत्रदान कर उन्हें स्नान मंडप में लाकर विराजमान किया जायेगा और उनकी आरती की जायेगी. इसके बाद भक्त भगवान की पूजा -अर्चना कर सकेंगे. इसके अगले दिन 20 जून को रथयात्रा के दिन भगवान गुंडिचा यात्रा के लिए जाते हैं.
रथ यात्रा के समीप आते ही मेला की तैयारी शुरू
रथ मेला के समीप आते ही मेला की तैयारी शुरू कर दी गयी है. मेला परिसर में अभी से ही छोटे-छोटे दुकान लगने लगे हैं. जगन्नाथपुर मेला का टेंडर दिन के तीन बजे जगन्नाथपुर थाना में जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति के प्रशासकीय पदाधिकारी डीसी के प्रतिनिधि एडीएम राजेश्वर आलोक व सदस्यगणों के अलावा जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अरविंद सिंह के नेतृत्व में खोला गया. जिसमें छह लोगों ने बीड डाला था. उनमें से एक का पेपर सही नहीं पाया गया और पांच का सही पाया गया. फाइनेंशियल बीड में अधिकतम बोली आर एस इंटरप्राइजेज के राजेश चंद्र ने लगायी. उन्होंने 75 लाख 5 हजार की बोली डाली. श्री चंद्र को सफल घोषित किया गया.
आज दिनभर का कार्यक्रम
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सुबह 05 बजे : सुप्रभातम
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सुबह 06 बजे : मंगल आरती
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दोपहर 12 बजे : अन्न भोग
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दोपहर 01 बजे से : स्नान यात्रा पूजा, स्नान और विग्रहों का शृंगार
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दोपहर 02-2:30 बजे तक : मंगल आरती, श्री जगन्नाथाष्टकम्, गीता पाठ का होगा आयोजन
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दोपहर 2:30-3:30 बजे तक : जलाभिषेक
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अपराह्न 3:30 बजे के बाद : एकांतवास
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शाम 7:30 बजे : आरती, भोग, शयनम्
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