2005 से जगरनाथ महतो लगातार रहे विधायक, मोदी लहर में भी नहीं रूकी थी विजय रथ, जानें उनका राजनीतिक सफर
साल 2009 में जगरनाथ महतो ने दोबारा चुनाव लड़ा और लालचंद महतो को करीब 13 हजार वोटों से हरा दिया था. इस चुनाव में लालचंद महतो तीसरे स्थान पर चले गये थे
बेरमो बोकारो, राकेश वर्मा :
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो आज यादों में विलीन हो गये. उनका राजनीतिक जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा. टाइगर जगरनाथ महतो ने अपने राजनीति की शुरुआत साल 2001 में की थी. तब वे समता पार्टी की तरफ से चुनाव लड़े लेकिन लालचंद महतो से हार गये. लेकिन साल 2005 विधानचुनाव से पहले उन्होंने झामुमो का दामन थामा और पिछली हार बदला भी चुकता कर लिया. उन्होंने 18 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज की. इसके बाद वे गिरिडीह के डुमरी विधानसभा से लगातार 4 बार विधायक बने. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में अब तक सर्वाधिक वोट 34940 वोटों से जीत हासिल की.
साल 2009 में जगरनाथ महतो ने दोबारा चुनाव लड़ा और लालचंद महतो को करीब 13 हजार वोटों से हरा दिया था. इस चुनाव में लालचंद महतो तीसरे स्थान पर चले गये थे. दूसरे स्थान पर जदयू के टिकट पर चुनाव लडने वाले स्व दामोदर महतो रहे थे. दामोदर महतो को करीब 20 हजार तथा लालचंद महतो को 19 हजार के करीब वोट मिला था. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में लालचंद महतो भाजपा के उम्मीदवार बने. लेकिन मोदी लहर में भी वे जगरनाथ महतो से जीत नहीं सके और करीब 33 हजार मतों के अंतर से हार गये. जगरनाथ महतो को करीब 77 हजार तथा लालचंद महतो को लगभग 45 हजार मत प्राप्त हुए थे.
वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में दूसरा बार झामुमो के जगरनाथ महतो ने लालचंद महतो को करीब 13 हजार वोट से पराजित किया. इस चुनाव में लालचंद महतो तीसरे स्थान पर चले गये थे. दूसरे स्थान पर जदयू के टिकट पर चुनाव लडने वाले स्व दामोदर महतो रहे थे. दामोदर महतो को करीब 20 हजार तथा लालचंद महतो को 19 हजार के करीब वोट मिला था. वर्ष 2014 के चुनाव में लालचंद महतो भाजपा के उम्मीदार बने लेकिन इस चुनाव में लालचंद महतो झामुमो के जगरनाथ महतो से लगातार तीसरी बार करीब 33 हजार मतों के अंतर से हार गये. जगरनाथ महतो को करीब 77 हजार तथा लालचंद महतो को लगभग 45 हजार मत प्राप्त हुआ था.
1971 में डुमरी बना था विधानसभा
वर्ष 1971 में बेरमो विधानसभा से नावाडीह प्रखंड को काटकर डुमरी विधानसभा का सृजन किया गया था. तब इस सीट से कांग्रेस के मुरली भगत चुनाव जीत कर विधायक बने थे. इसके बाद 1977 में लालचंद महतो ने डुमरी विधानसभा सीट से पहला चुनाव जनता पार्टी के टिकट पर लडा था. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के तात्कालीन विधायक मुरली भगत को हराया था.
इसके बाद 1980 के चुनाव में झामुमो के शिवा महतो से वे चुनाव हार गये. 1985 में दूसरी बार पुन: झामुमो के शिवा महतो से वे हार गये. 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे लालचंद महतो ने झामुमो के शिवा महतो को पराजित कर दूसरी बार विधायक बने. 1995 के विधानसभा चुनाव में समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे लालचंद महतो फिर से झामुमो के शिवा महतो से हार गये.
साल 2000 में जगरनाथ महतो ने पहली बार राजनीति में इंट्री ली. तब वे समता पार्टी के टिकट पर लालचंद महतो के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गये. इसके बाद साल 2005 में चुनाव लड़ा और झारखंड सरकार में पहली बार उर्जा मंत्री बने. तब से साल 2019 तक लगातार जगरनाथ महतो चुनाव जीतते आये थे.
डुमरी विस से अबतक जीतने वाले प्रत्याशी नजर में
1971- चुनाव जीते कांग्रेस के मुरली भगत
1977- चुनाव जीते जनता पार्टी के लालचंद महतो
1980- चुनाव जीते झामुमो के शिवा महतो
1985- चुनाव जीते झामुमो के शिवा महतो
1990-चुनाव जीते जनता दल के लालचंद महतो
1995-चुनाव जीते झामुमो के शिवा महतो
2000- चुनाव जीते जदयू के लालचंद महतो
2005-चुनाव जीते झामुमो के जगरनाथ महतो
2009-चुनाव जीते झामुमो के जगरनाथ महतो
2014- चुनाव जीते झामुमो के जगरनाथ महतो
2019- चुनाव जीते झामुमो के जगरनाथ महतो