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1932 के खतियान पर बोले थे जगरनाथ महतो- सदन में भी पास होगा, किसी की हिम्मत नहीं जो रोक दे

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का आज सुबह चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में निधन हो गया. वे पिछले कुछ महीनों से काफी बीमार चल रहे थे. ज्ञात हो कि वे कोरोना काल के दौरान कोविड से ग्रस्त हो गये थे और उन्हें कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था.

By Prabhat Khabar News Desk | April 6, 2023 11:14 AM
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रांची: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का आज सुबह चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में निधन हो गया. वे पिछले कुछ महीनों से काफी बीमार चल रहे थे. ज्ञात हो कि वे कोरोना काल के दौरान कोविड से ग्रस्त हो गये थे और उन्हें कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था. बीमारी के बावजूद वे काफी सक्रिय रहते थे. कुछ माह पहले जगरनाथ महतो प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस मौके पर उन्होंने बड़ी सहजता व बेबाकी से सवालों का जवाब दिया था. आज जबकि उनका निधन हो गया है, एक बार फिर पढ़ें उनके विचार:-

Qपिछली सरकार में स्कूलों को मर्जर के नाम पर बंद किया गया था, अापकी सरकार ने कहा इसे खोलेंगे इसका क्या हुआ?

पिछली सरकार में मर्ज किये गये विद्यालय को खोला जायेगा, इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. सभी उपायुक्त को पत्र लिखा गया है. स्कूलों को फिर से खोलने के लिए कहा गया है.

Q शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में नियुक्ति की घोषणा है, राज्य नौजवानों को भी उम्मीद है, नियुक्ति कब तक हो पायेगी?

नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी है, प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी गयी है. इसके लिए आवेदन भी जमा लिया जा रहा है. प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 50 हजार पद सृजित किया गया है. पद सृजन के बाद इसकी नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. 50 हजार पद पर नियुक्ति को दो भाग में बांटा गया है. प्रथम चरण में 25 हजार पद पर नियुक्ति की जायेगी.

Qराज्य के प्राथमिक से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक की कमी है, इनकी नियुक्ति कब तक होगी?

यह सही है कि विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं है, राज्य के स्कूलों में मात्र 500 प्रधानाध्यापक है. इतने वर्षों तक प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नहीं की गयी. इसकी प्रक्रिया भी शुरू की गयी है.

Qआप खतियान ही पहचान बने ,इस मुद्दे को लेकर मुखर रहे हैं, आपकी गाड़ी से लेकर मोबाइल का नंबर में 1932 से जुड़ा रहा है क्या यह भावनात्मक मुद्दा ही बनकर रह जायेगा या लागू भी होगा?

सभी राज्यों की स्थानीय नीति है, सभी राज्यों ने स्थानीय नीति बनाया है. बिहार में भी 1932 के आधार प्रभावी है, तो झारखंड में क्यों नहीं हो सकता. स्थानीय नीति कैबिनेट से स्वीकृति मिल गयी है. इसे अब सदन में रखा जायेगा. सदन से पास होने के बाद राज्यपाल को भेजा जायेगा. सदन में भी पास हो जायेगा. पिछले दिनों पारसनाथ में भाजपा का चिंतन शिविर हुआ था, 1932 का खतियान लागू करने की मांग की गयी, अब लागू कर रहे तो विपक्ष कह रहा है इतनी जल्दबाजी क्या है.

Qइस मुद्दे पर आपकी पार्टी के विधायक लोबिन हेंब्रम तो कुछ और कह रहे हैं, सवाल खड़ा कर रहे है कि 1932 के नाम पर सरकार ने झुनझुना थमा रही है पार्टी में इसको लेकर क्या चल रहा है?

लोबिन हेंब्रम पार्टी के वरीय नेता है, उन्हें अपनी बात पर कायम रहना चाहिए. उन्होंने कहा था कि 1932 का खतियान लागू होने पर वे गुरुजी व मुख्यमंत्री का पैर धोकर पियेंगे. कोई पुर्जा पर लिखकर तो 1932 का खतियान लागू नहीं किया जा रहा है, इसकी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. कैबिनेट से पास होने के बाद अब सदन में भी जितेंगे किसी की हिम्मत नहीं कि इसे पास होने से रोक दे.

Qआॅपरेशन की प्रक्रिया से निकलने के बाद लाइफ स्टाइल कितना बदला़ डॉक्टरों ने खान-पान से लेकर क्या सलाह दी है.

ऑपरेशन के बाद भी मेरी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आज भी मेरी दिनचर्या की शुरुआत सुबह साढ़े पांच बजे से हो जाती है. छह बजे मैं मॉर्निंग वॉक पर निकल जाता हूं. इस दौरान रास्ते में बच्चों व लोगों से मिल कर उनकी बात सूनता हूं. खान-पान को लेकर डॉक्टरों ने सलाह दी है. मेरी कोशिश रहती है कि इसका पूरा ख्याल रखा जाये.

Qगंभीर सवालों से बाहर निकलते है़ं आप जब विपक्ष में थे, तो पारा शिक्षकों के मुद्दे के बड़े पैरोकार थे़ पारा शिक्षकों के लिए सरकार ने सेवा शर्त नियमावली बनायी पर शिक्षक अभी वेतनमान और स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं, फिर से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.

देखिये आंदोलन एक अधिकार है, लेकिन नियम भी जरूरी है. इनकी बिहार की तर्ज पर नियमित करने की मांग है. बिहार में सरकारी शिक्षकों की बहाली बंद है. सभी पंचायत शिक्षक हो गये हैं. अभी सरकार 50 हजार शिक्षक बहाल करने वाली है. बिहार में रोस्टर से बहाली हुई है. लेकिन रोस्टर को आधार बनाया जाये तो आधा से अधिक लोगों की छटनी हो जायेगी. बिहार में तीन बार आकलन परीक्षा लेने का प्रावधान किया गया है. यहां पर चार बार आकलन परीक्षा ली जा रही है.

सरकार परीक्षा पास नहीं करने वालों को भी नहीं हटा रही है. इनकी सेवा की अवधि बढ़ा कर 60 वर्ष कर दी गयी है. इससे पहले उन्हें कोई हटा नहीं सकता है. सरकार ने टेट पास को 50 प्रतिशत बढ़ा दिया है. जो टेट पास नहीं 40 प्रतिशत बढ़ा दिया. इनके कहने पर डेट बढ़ा दी गयी है. सरकारी कर्मियों को तीन प्रतिशत इंक्रीमेंट होता है, जबकि इनका चार प्रतिशत किया गया है. एक जनवरी से इसका लाभ इन्हें मिलेगा. प्रेशर पॉलिटिक्स से कुछ होता नहीं है. नियम से बात होती है.

Qसरकार उत्कृष्ट विद्यालय व प्रत्येक प्रखंड व पंचायत में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोल रही है, परंतु पहले से चल रहे नेतरहाट स्कूल मॉडल स्कूल इंदिरा गांधी जैसे विद्यालयों की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब हो रही है ऐसे में नये स्कूल कितने सफल हो पायेंगे.

सरकार का प्रयास है कि लोग निजी विद्यालय की तरह सरकारी विद्यालयों में नामांकन को लेकर पैरवी करने आयें. सरकार नेतरहाट की तर्ज पर तीन स्कूल खोल रही है. इसके तहत चाईबासा, बोकारो व दुमका में एक-एक स्कूल खुलेगा.

Qविपक्ष कहता है कि शराब में बड़ा खेल है़ शराब नीति में कई विसंगतियां है़ं आप उत्पाद मंत्री हैं, कितनी नजर है

देखिये मुंह से कहने से नहीं होता है. अगर कोई खेल हुआ है तो इसे प्रमाणित करना चाहिए. अगर शराब नीति में कोई विसंगतियां होती तो न्यायालय में चुनौती दी जाती.

Qबाजार में एमआरपी से ज्यादा पर शराब बिक रही है़ कुछ खास ब्रांड का खेल चल रहा है़ दूसरे ब्रांड की किल्लत या उसे आउट करने का खेल भी शराब सिंडिकेट चलाता है

ओवर प्राइसिंग की शिकायत मिली थी. सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए टॉल फ्री नंबर जारी किया है. जैसे ही ओवर प्राइसिंग की शिकायत मिलती है, तुरंत कार्रवाई की जाती है. इस मामले में रांची, बोकारो व देवघर में दोषी व्यक्ति को जेल भेजा गया. समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाती है. शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाती है. किसी को बख्सा नहीं जाता है.

Qझामुमो को क्या हड़बड़ी है, तरकस के सारे तीर खाली कर दिये़ 1932 खतियान, पिछड़ों के आरक्षण की सीमा बढ़ाना, जैसे मुद्दे़ भाजपा से इतना डरे हुए क्यों है़

सरकार किसी प्रकार की हड़बड़ी में नहीं है. 1932 के खतियान व पिछड़ों के आरक्षण की सीमा बढ़ाने का फैसला एक दिन लिया गया. इसके बाद सेविका-सहायिका के मुद्दे पर फैसला लिया. सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल है. ऐसे में हड़बड़ी रहने की कोई बात नहीं है.

Qजयराम महतो जैसे कुछ नेता झारखंडी मुद्दा लेकर खड़ा हो रहे है़ं नौजवान भी है़ं कितनी राजनीतिक चुनौती देखते है़

भोजपुरी भाषा को धनबाद व बोकारो में शामिल करने को लेकर उबाल आया. इससे दुरुस्त कर दिया गया. इस दौरान मेरी मुलाकात जयराम महतो से भी हुई थी. मैंने साफ कह दिया था कि दो दिन में व्यवस्था दुरुस्त हो जायेगी. इसके लिए मैंने सरकार में बात की. फिर इसे हटा लिया गया.

Qआप शिक्षा मंत्री बने, विभाग को बखूबी चला रहे हैं, आपकी शैक्षणिक योग्यता पर विपक्ष सवाल उठाया तो आपने आगे की पढ़ाई की ठानी, पर कुछ कारणों से पढ़ाई बीच में छूट गयी क्या आगे पढ़ना है?

शैक्षणिक योग्यता महत्वपूर्ण है, पर अनुभव भी मायने रखता है. ज्ञानी जैल सिंह देश के राष्ट्रपति बने, वे कितने पढ़े थे. हमने आगे की पढ़ाई के लिए इंटर में नामांकन भी लिया था, पर बीमार हो जाने के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाये. पढ़ाई करते तो अच्छे अंक से पास भी होते.

Qझामुमो में हेमंत सोरेन के बाद नंबर दो कौन हैं.

देखिये नंबर एक की पारी खत्म होगी तब न नंबर दो की बात होगी. नंबर एक के अाउट होने से पहले अभी इस तरह की बात करने का कोई औचित्य नहीं है.

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