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Jagarnath Mahto News: मैट्रिक परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के घर पर हर सुबह दस्तक देते थे जगरनाथ महतो

मैट्रिक की परीक्षा के दौरान जगरनाथ महतो अपने विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में घूम-घूमकर बच्चों को जगाया करते थे. झारखंड में जब तक मैट्रिक की परीक्षा होती थी, सुबह चार बजे से ही उनका यह अभियान शुरू हो जाता था.

By Mithilesh Jha | April 6, 2023 11:25 AM
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Jagarnath Mahto Death: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो नहीं रहे. आज यानी 6 अप्रैल 2023 को सुबह करीब साढ़े 6 बजे उन्होंने चेन्नई स्थित एमजीएम अस्पताल में अंतिम सांस ली. जगरनाथ महतो खुद मैट्रिक पास थे. राजनीति में आने की वजह से वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाये, लेकिन वह चाहते थे कि समाज का हर बच्चा शिक्षित हो. यही वजह है कि वह घूम-घूमकर बच्चों को सुबह जगाते थे कि पढ़ाई करो.

ब्रह्म मुहूर्त में मैट्रिक के परीक्षार्थियों को जगाने निकलते थे जगरनाथ महतो

खासकर मैट्रिक की परीक्षा के दौरान जगरनाथ महतो अपने विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में घूम-घूमकर बच्चों को जगाया करते थे. झारखंड में जब तक मैट्रिक की परीक्षा होती थी, वह सुबह चार बजे से पहले उठकर तैयार हो जाते थे. उन्हें यह मालूम होता था कि जिस इलाके में वह जा रहे हैं, वहां किस-किस घर में बच्चा इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दे रहा है. वह उसके घर पर दस्तक देते थे.

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बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे. उनसे कहते थे कि सुबह उठकर पढ़ने के कई फायदे होते हैं. जो आप पढ़ते हैं, वह याद रहता है. इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में यानी सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई करें. आपकी पढ़ाई अच्छी होगी, तो आपका रिजल्ट भी अच्छा होगा. इससे आपके परिवार को तो खुशी होगी ही, समाज और राज्य को भी इसका लाभ मिलेगा.

स्कूल के बच्चों को पढ़ाना जगरनाथ महतो को था पसंद

जगरनाथ महतो सिर्फ बच्चों को मैट्रिक की परीक्षा के दौरान जगाते ही नहीं थे. जब भी उन्हें समय मिलता था, वे बच्चों को पढ़ाने का मौका नहीं छोड़ते थे. वर्ष 2020 में बच्चों को पढ़ाने के दौरान ही उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ और उसके बाद से उनकी सेहत लगातार बिगड़ती चली गयी. लेकिन, झारखंड टाइगर के नाम से जाने जाने वाले जगरनाथ महतो की हिम्मत ने उन्हें टूटने नहीं दिया.

चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में चला था लंबा इलाज

जगरनाथ महतो जब कोरोना संक्रमित हुए, तो उन्हें बोकारो से रिम्स लाया गया. यहां उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ, तो मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया. लंबे समय तक उनका यहां इलाज चला. चेन्नई से एक्मो मशीन लाकर उनका इलाज शुरू किया गया. बाद में जब उनकी स्थिति बिगड़ी, तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर जगरनाथ महतो को चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया.

प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनायेंगे सरकारी स्कूलों को

चेन्नई स्थित एमजीएम अस्पताल में उनके फेफड़े को ट्रांसप्लांट किया गया. काफी दिनों तक वहीं उनका इलाज चलता रहा. स्वस्थ होकर जब वह झारखंड लौटे, तो ‘प्रभात खबर’ संवाद में उन्होंने झारखंड की शिक्षा व्यवस्था की खामियों को स्वीकार किया. साथ ही कहा कि वह ऐसी शिक्षा व्यवस्था बनायेंगे कि लोग प्राइवेट स्कूल को छोड़कर सरकारी स्कूल में बच्चों का एडमिशन कराने आयेंगे.

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