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Jairam Mahato: जयराम महतो ने बिगाड़ा बीजेपी का खेल, आजसू को किया बेअसर

Jairam Mahato : जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम ने इस चुनाव में सबसे अधिक किसी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है तो वह है आजसू और बीजेपी है. ऐसी कई सीटें हैं जिनपर आजसू की हार का कारण जेएलकेएम बना.

By Kunal Kishore | November 24, 2024 10:02 AM
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Jairam Mahato : राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने राज्य की लगभग दर्जन भर सीटों पर हार-जीत को प्रभावित किया है. पार्टी भले ही एक सीट जीतने में सफल रही हो, लेकिन उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में अपनी जोरदार उपस्थित दर्ज करायी है. पार्टी के प्रमुख जयराम महतो ने जहां राज्य गठन के बाद लगातार डुमरी सीट जीत रहे झामुमो को हरा दिया, वहीं बेरमो में वह दूसरे स्थान पर रहे. बेरमो में भाजपा प्रत्याशी और पूर्व सांसद रवींद्र पांडेय को उन्होंने लड़ाई से ही बाहर कर दिया. इतना ही नहीं गोमिया व चंदनकियारी में भी उनकी पार्टी दूसरे स्थान पर रही.

जेएलकेएम ने आजसू का किया सूपड़ा साफ

पार्टी ने जिन सीटों पर अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करायी है, उनमें से अधिकतर सीटें कुरमी बहुल हैं. जेएलकेएम के इस प्रदर्शन से अगर किसी पार्टी को सबसे अधिक नुकसान होता दिख रहा है, तो वह है आजसू. आजसू के तीन विधायक थे, तीनों सीट पार्टी हार गयी. सिल्ली में इस चुनाव को छोड़ दिया जाये, तो पिछले चार चुनाव में से तीन बार आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो को जीत मिली थी. लोकसभा चुनाव में ही इस सीट पर जयराम की पार्टी ने अपनी धमक दिखायी थी.
पार्टी प्रत्याशी जीते भले ही नहीं, लेकिन उन्हें 41325 वोट मिले. सुदेश महतो 23867 वोट से चुनाव हार गये. गोमिया और रामगढ़ में भी आजसू की हार हुई. गोमिया में पिछले चुनाव में आजसू के लंबोदर महतो विधायक चुने गये थे. इस वर्ष वे तीसरे स्थान पर पहुंच गये. रामगढ़ में भी आजसू को हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर भी पार्टी को जीत मिली थी.

एनडीए में आजसू बेअसर, वोट नहीं हुआ ट्रांसफर

वर्ष 2014 में भाजपा और आजसू के एक साथ चुनाव लड़ने पर एनडीए को जीत मिली थी. वर्ष 2019 में भाजपा और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़ी थी. इसका असर रिजल्ट पर दिखा था. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना था कि दर्जन भर सीटों पर भाजपा या आजसू इसलिए हार गयी, क्योंकि दोनों अलग-अलग चुनाव लड़े थे. आजसू इस चुनाव में भाजपा के साथ थी. 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, पर मात्र एक मांडू सीट जीत पायी. जिन सीटों पर आजसू का प्रभाव रहा, उन पर प्रत्याशियों को मिले मत को देखा जाये, तो यह स्पष्ट लगता है कि आजसू का वोट पूर्व की भांति एनडीए के घटक दल को ट्रांसफर नहीं हो सका. आधा दर्जन सीटों पर एनडीए की हार का कारण वोट ट्रांसफर नहीं होना माना जा रहा है. कुछ सीटों पर जहां आजसू पार्टी पूर्व में जीती भी है, वहां जेएलकेएम को चुनाव परिणाम प्रभावित करने के लायक वोट मिला है.

नौ सीटों पर एनडीए गठबंधन का गणित बिगाड़ा, इंडिया गठबंधन की सीटों पर भी दिखाया असर

टुंडी सीट पर झामुमो को जीत मिली. इस सीट पर पहले आजसू जीत दर्ज कर चुकी है. इस चुनाव में भाजपा यहां से चुनाव लड़ रही थी. इस सीट पर झामुमो की जीत के अंतर से अधिक वोट जेएलकेएम को मिला है.
पार्टी—-वोट
झामुमो—-95527
भाजपा—-69924
जेएलकेएम—-44464
जीत का अंतर—-25603

ईचागढ़ सीट पर झामुमो ने लगातार दूसरी बार दर्ज की जीत

पार्टी—-वोट
झामुमो—-77562
आजसू—-51029
जेएलकेएम—-41138
जीत का अंतर—-26523

तमाड़ में झामुमो ने लगातार दूसरी बार फहराया जीत का परचम

तमाड़ में झामुमो ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है. इस सीट पर 2014 में आजसू को जीत मिली थी. इस वर्ष एनडीए गठबंधन से जदयू चुनाव लड़ रहा था.
पार्टी—-वोट
झामुमो—-65655
जदयू—-41409
जेएलकेएम—-26562
जीत का अंतर—-24246

सिल्ली से आजसू की हार का कारण बना जेएलकेएम

सिल्ली : राज्य गठन के बाद इस सीट पर आजसू का प्रभाव रहा है. इस चुनाव में जेएलकेएम को आजसू से लगभग आठ हजार वोट कम मिले. जबकि पिछले चुनाव में इस सीट से आजसू को जीत मिली थी.
पार्टी—-वोट
झामुमो—-73169
आजसू—-49302
जेएलकेएम—-41725
जीत का अंतर—-23867

बेरमो में बीजेपी को खेल से किया बाहर

बेरमो सीट पर कांग्रेस को लगातार दूसरी जीत मिली है. जेएलकेएम प्रमुख जयराम महतो भी चुनाव लड़ रहे थे. यहां वे दूसरे स्थान पर रहे. भाजपा तीसरे स्थान पर चली गयी.
पार्टी—-वोट
कांग्रेस—-90246
जेएलकेएम—-60871
भाजपा—-58352
जीत का अंतर—-29375

चंदनकियारी में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी से आगे निकला जेएलकेएम

चंदनकियारी सीट पर विपक्ष के नेता अमर बाउरी को हार का सामना करना पड़ा. जेएलकेएम दूसरे स्थान पर रहा. भाजपा तीसरे स्थान पर चली गयी. इस सीट पर पहले आजसू भी जीत दर्ज कर चुकी है.
पार्टी—-वोट
झामुमो—-90027
जेएलकेएम—-56294
भाजपा—-56091
जीत का अंतर—-33733

मांडु ने बचाई आजसू की लाज

मांडू सीट पर आजसू को जीत मिली. पिछले चुनाव में भाजपा को इस सीट पर जीत मिली थी. भाजपा से जीत दर्ज करनेवाले जेपी पटेल इस चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
पार्टी—-वोट
आजसू—-90871
कांग्रेस—-90640
जेएलकेएम—-71276
जीत का अंतर—-231

बाघमारा में जेएलकेएम ने दर्ज कराई अपनी मौजूदगी

बाघमारा सीट पर भाजपा को जीत मिली है. इस सीट पर भी जेएलकेएम को 15 हजार से अधिक वोट मिले.
पार्टी—-वोट
भाजपा—-87529
कांग्रेस—-68847
जेएलकेएम—-15696
जीत का अंतर—-18314

खिजरी में लगातार कांग्रेस की दूसरी जीत

खिजरी सीट पर कांग्रेस को लगातार दूसरी बार जीत मिली है. इस सीट पर पिछले चुनाव में आजसू को 25 हजार से अधिक वोट मिले थे.
पार्टी—-वोट
कांग्रेस—-122834
भाजपा—-94274
जेएलकेएम—-26827
जीत का अंतर—-28560

लंबे समय के बाद बीजेपी को मिली बड़कागांव में जीत, जेएलकेएम ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल

बड़कागांव सीट पर भाजपा को लंबे समय के बाद जीत मिली है.
पार्टी—-वोट
भाजपा—-124468
कांग्रेस—-93075
जेएलकेएम—-26867
जीत का अंतर—-31393

कांग्रेस ने कांके के अभेद्य किले में लगाई सेंध

कांके सीट भाजपा पिछले 34 वर्षों से जीत रही थी. इस सीट पर भाजपा को 968 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. यहां जेएलकेएम को 25,965 मत मिले.
पार्टी —-वोट
कांग्रेस—- 133499
भाजपा– 132531
जेएलकेएम– 25965
जीत का अंतर –968

रामगढ़ में आजसू को सीट जीतने से रोका

रामगढ़ राज्य गठन के बाद इस सीट पर आजसू का दबदबा रहा है. वर्ष 2019 में भाजपा व कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ी थी. सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी. इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा आजसू मिलकर चुनाव लड़ी व आजसू जीत गयी. इस वर्ष आजसू को 6790 वोट से हार का सामना करना पड़ा. जेएलकेएम को 70979 वोट मिले.

पार्टी वोट
कांग्रेस 89881
आजसू 83028
जेएलकेएम 70979
जीत का अंतर 6790

गोमिया में आजसू तीसरे स्थान पर खिसकी

गोमिया सीट पर आजसू तीसरे स्थान पर पहुंच गयी, जबकि वर्ष 2019 में पार्टी को इस सीट पर जीत मिली थी. भाजपा के वोटर के साथ-साथ आजसू का पूरा वोट शिफ्ट नहीं होना यहां हार का कारण माना जा रहा है.

पार्टी—वोट
झामुमो— 95170
जेएलकेएम —-59077
आजसू —54508
जीत का अंतर —36093

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