Exclusive: थोपा हुआ लीडर नहीं बनूंगा, जनता जहां से बोलेगी, वहां से चुनाव लड़ूंगा : जयराम महतो
अंग्रेजी में पीएचडी करनेवाले जयराम फिलहाल खुद को छात्र नेता मानते हैं, लेकिन राजनीति के मायने भी समझाते हैं. ‘60-40 नाय चलतो’ का कैंपेन चलानेवाले जयराम सोमवार को ‘प्रभात खबर संवाद’ कार्यक्रम में पहुंचे.
जयराम महतो हाल के दिनों में झारखंड में प्रतिवाद की मुखर आवाज बनकर उभरे हैं. समर्थकों के बीच ‘टाइगर’ के नाम से चर्चित जयराम ‘1932 आधारित नियोजन नीति’ की मांग को लेकर राज्य के युवाओं को गोलबंद कर रहे हैं. उनकी आवाज पर हजारों युवा सड़कों पर उतर रहे हैं. 25-25 किमी लंबी मानव शृंखंला बना रहे हैं. अंग्रेजी में पीएचडी करनेवाले जयराम फिलहाल खुद को छात्र नेता मानते हैं, लेकिन राजनीति के मायने भी समझाते हैं. ‘60-40 नाय चलतो’ का कैंपेन चलानेवाले जयराम सोमवार को ‘प्रभात खबर संवाद’ कार्यक्रम में पहुंचे.
जयराम महतो ने अपने राजनीतिक स्टैंड, चुनावी रणनीति और चुनौतियों से जुड़े कई सवाल के जवाब दिये. यह पूछे जाने पर कि आप टुंडी या डुमरी से चुनाव लड़ेंगे? उन्होंने कहा : अभी तक तो तय नहीं किया है. हमारा बैकग्राउंड काफी गरीब परिवार से रहा है. कोई पॉलीटिकल बैकग्राउंड नहीं है. अभी के चुनाव को देख लीजिए. कितना पैसा बहाया जाता है. इसी को देखकर डर लगता है.
उन लोगों को देखकर लगता है कि हमारे लिए इतना करनेवाली जनता की आवाज बनना ही पड़ेगा. अब चुनाव डुमरी से लडूंगा या टुंडी से, यह वहां की जनता तय करेंगी. मैं थोपा हुआ लीडर नहीं बनना चाहता. जनता जहां से बोलेगी, वहां से चुनाव लड़ूंगा.
बड़े दलों से टकराना चैलेंजिंग हमने इसे स्वीकार किया है
जयराम ने कहा : भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, आजसू जैसे बड़े दलों से टकराना चैलेंजिंग है. उन दलों का लंबा इतिहास है. हम बिल्कुल नौसिखिये हैं. लेकिन, युवा होने के नाते हमने यह चैलेंज स्वीकार किया है. युवा सूरज की तरह हैं, वह तो हमेशा चमकेंगे ही. भाजपा-आजसू की ‘बी’ टीम कहे जाने के सवाल पर जयराम ने कहा : यह निराधार है. पिछले लोकसभा चुनाव में हमने जगरनाथ महतो के लिए काम किया था.
जबकि, मैं झामुमो का सदस्य भी नहीं हूं. लेकिन, लोकतंत्र में आपको पांच साल के लिए किसी न किसी के साथ जुड़ना ही पड़ता है. चूंकि, जगरनाथ दा माटी के नेता थे, इसलिए हमने उनका प्रचार किया. अब अगर कोई हमें भाजपा और आजसू का एजेंट कहता है, तो यह गलत है. उन लोगों के साथ हमारा संबंध न तो पहले था, न आज है और न ही आगे होगा.
आंदोलन शुरू होने के बाद 90 प्रतिशत युवा हमारे साथ
आजसू से चुनौती पर कहा : मैं जिस क्षेत्र से आता हूं, वहां क्षेत्रीय पार्टियों का प्रभाव है. लेकिन, आंदोलन शुरू होने के बाद 90% युवा हमारे साथ हैं. पांच प्रतिशत युवा ही (केवल ठेकेदारी के लिए) अन्य राजनीतिक दलों से जुड़े हैं. हमारे आंदोलन का ही नतीजा था कि पंचायत चुनाव में काफी संख्या में लोग मुखिया, जिला परिषद बन कर आये हैं. आनेवाले दिनों में यही साथी विधायक भी बनेंगे.
आजसू से चुनौती पर कहा : मैं जिस क्षेत्र से आता हूं, वहां क्षेत्रीय पार्टियों का प्रभाव है. लेकिन, आंदोलन शुरू होने के बाद 90% युवा हमारे साथ हैं. पांच प्रतिशत युवा ही (केवल ठेकेदारी के लिए) अन्य राजनीतिक दलों से जुड़े हैं. हमारे आंदोलन का ही नतीजा था कि पंचायत चुनाव में काफी संख्या में लोग मुखिया, जिला परिषद बन कर आये हैं. आनेवाले दिनों में यही साथी विधायक भी बनेंगे.