रांची : जयशंकर प्रसाद की जयंती पर जयशंकर प्रसाद विचार मंच और हिंदी विभाग गोस्सनर महाविद्यालय, रांची के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत द्वीप प्रज्वलन कर की गयी. कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों का स्वागत जयशंकर प्रसाद विचार मंच के सचिव सुरेश निराला ने किया. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी के साथ क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं का संवर्द्धन और संरक्षण जरूरी है. आज कई भाषाएं विलुप्त होने के कगार पर है. नई पीढ़ी गांव की आम बोलचाल की शब्दावली से पूरी तरह अपरिचित है.
इन लोगों को जयशंकर प्रसाद स्मृति सम्मान से किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ठ सेवा देने वाले साहित्यकारों और संस्कृति कर्मियों को जयशंकर प्रसाद विचार मंच ने महाकवि जयशंकर प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित किया. हिंदी साहित्य में विशिष्ठ सेवा के लिए डॉ मंजू ज्योत्सना हंस, जमशेदपुर की वरिष्ठ साहित्यकार पद्मा मिश्रा और डॉ अनीता कुमारी को सम्मानित किया गया. वहीं, क्षेत्रीय भाषा में उत्कृष्ट सेवा के लिए चंद्रदेव सिंह (नागपुरी), मानसिंह महतो (कुरमाली), महेंद्र नाथ गोस्वामी (खोरठा), डॉ पराग किशोर सिंह (पंचपरगनिया) को और कला संस्कृति के क्षेत्र में क्षितिज कुमार राय और मनोज कपरदार को अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर कर सम्मानित किया गया.
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पांच सत्र में आयोजित किया गया था कार्यक्रम
कार्यक्रम पांच सत्रों में आयोजित किया गया था. प्रथम सत्र विचार- गोष्ठी का था, जिसका विषय वर्तमान समय में जयशंकर प्रसाद के साहित्य की प्रासंगिकता पर केंद्रित था. दूसरा सत्र पुस्तक लोकार्पण सह कृति चर्चा पर था. तीसरा सत्र सांस्कृतिक कार्यक्रम का था, जिसमें कुंजबन के कलाकारों द्वारा आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी गई. जबकि, चौथे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था. अंतिम सत्र में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था.
कार्यक्रम में कौन कौन लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा के अलावा विशिष्ठ अतिथि पद्मश्री मुकुंद नायक, पद्मश्री मधुमुख मंसूरी हंसमुख, पद्म श्री के लिए नामित प्रसिद्ध लोक गायक महावीर नायक, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अशोक प्रियदर्शी, डॉ माया प्रसाद, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित उड़िया कवि डॉ फनी मोहंती, उड़िया साहित्यकार यामिनी कांतदास, वरिष्ठ नागपुरी साहित्यकार राम प्रसाद, समाज सेवी चंद्रशेखर आजाद और आशुतोष तिवारी समेत कई लोग मौजूद थे.