रांची, सतीश कुमार : झारखंड में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत पिछले चार वर्षों में 20,32,486 घरों तक नल से जल पहुंचाया गया है. सरकार को 2024 तक राज्य के 61,19,592 घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना है. ऐसे में बचे हुए एक वर्ष में सरकार को लगभग 40 लाख घरों तक शुद्ध पेयजल का लक्ष्य हासिल करना होगा.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में नल से जल पहुंचाने में झारखंड की प्रगति अच्छी रही है. इस दौरान सरकार की ओर से 8,59,315 घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया. केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2019 में यह योजना शुरू की गयी थी. वर्ष 2024 तक चलने वाली इस योजना के तहत राज्यों को सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया है. वर्ष 2019 में जब यह योजना शुरू हुई थी, तब झारखंड के सिर्फ 5.75 प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचा था.
वित्तीय वर्ष 2022-23 के समाप्त होने पर झारखंड की प्रगति बढ़ कर 33.21 प्रतिशत हो गयी है. हालांकि, देश में झारखंड की स्थिति खराब है. झारखंड का स्थान सिर्फ पश्चिम बंगाल से ऊपर है. वहीं, पड़ोसी राज्य बिहार में 95.21 प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचाया जा चुका है. झारखंड में पाकुड़ जिले की स्थिति सबसे खराब है. यहां 8.63 प्रतिशत घरों तक ही पानी पहुंच पाया है. वहीं, पूर्वी सिंहभूम में 14.22 प्रतिशत घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंच पाया है. राज्य में रामगढ़ जिले की प्रगति राष्ट्रीय स्तर से भी बेहतर है. यहां 60.86 प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंच गया है. वहीं, देश की औसत प्रगति 59.83 प्रतिशत है.
वित्तीय वर्ष प्रगति
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2019-20 7.47 प्रतिशत
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2020-21 12.50 प्रतिशत
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2021-22 18.94 प्रतिशत
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2022-23 33.21 प्रतिशत
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पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि झारखंड की भौगोलिक संरचना पथरीली होने के कारण पानी की उपलब्धता मैदानी क्षेत्रों की तुलना में कम है. झारखंड की सिर्फ छह से सात नदियों में ही अधिकांश माह पानी उपलब्ध रहता है. ऐसे में भूगर्भ जल के माध्यम से योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. विभाग की ओर से 33,354 नयी योजना स्वीकृत की गयी है. इसमें 64 बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना व 33,290 लघु ग्रामीण योजना शामिल है.