रांची: केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘जल जीवन मिशन’ के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में झारखंड के 22 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, वित्तीय वर्ष का एक माह से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद पेयजल की एक भी नयी योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है. जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक राज्य के 59.23 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाना का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन अब तक सिर्फ 11.69 लाख घरों तक ही पाइप लाइन से पानी पहुंचाया जा सका है.
जानकारी के अनुसार, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से लक्ष्य को हासिल करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 113 बहु ग्रामीण जलापूर्ति व 38 हजार लघु ग्रामीण जलापूर्ति की नयी योजनाएं प्रस्तावित हैं. इसको लेकर बजट में राज्यांश मद से 1530.10 करोड़ व केंद्रांश मद से 1579.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है, फिर भी किसी नयी योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है.
यही नहीं बढ़ती महंगाई का असर भी पहले से चल रही पेयजल योजनाओं पर देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से काम की प्रगति धीमी पड़ गयी है. शेड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) का रिविजन नहीं होने की वजह से ठेकेदार निविदा में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर कई ऐसी योजनाएं हैं, जिसमें पांच-पांच निविदा निकाली गयी, लेकिन किसी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया.
जल जीवन मिशन में झारखंड की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में काफी खराब है. यूपी को छोड़ कर अन्य राज्यों की स्थिति झारखंड से बेहतर है. देश में इस योजना का राष्ट्रीय औसत 49.22% हैं, जबकि झारखंड की प्रगति 19.75% है.
वर्ष 2024 तक झारखंड के 59.23 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का विभाग ने निर्धारित किया है लक्ष्य
अब तक सिर्फ 11.69 लाख घरों तक ही पाइप लाइन से पानी पहुंचाया जा सका है राज्य के विभिन्न जिलों में
बजट में 113 बहु ग्रामीण जलापूर्ति व 38 हजार लघु ग्रामीण जलापूर्ति की नयी योजनाएं प्रस्तावितवर्ष 2024 तक झारखंड के 59.23 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का विभाग ने निर्धारित किया है लक्ष्य
चालू वित्तीय वर्ष के पहले माह अप्रैल में राज्य के सिर्फ 8,283 घरों में पाइपलाइन से पानी पहुंचा है. पांच जिलों में 100 कम घरों में ही पानी पहुंच पाया है. पिछले माह में लातेहार के 27, साहिबगंज के 32, लोहरदगा के 66 व जामताड़ा के 71 घरों में नल से जल पहुंच पाया. धनबाद को छोड़ कर सभी जिलों में 1000 से कम घरों में ही पानी पहुंचाया गया है.
जल जीवन मिशन के तहत अब भी केंद्र की ओर से आवंटित किये गये 212.94 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पाये हैं. इस राशि का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च करने के बाद ही केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त फंड का प्रावधान किया जाना है.
Posted By: Sameer Oraon