रांची : जल जीवन मिशन के तहत राज्य में चल रही ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की गुणवत्ता की जांच थर्ड पार्टी एजेंसी करेगी. एजेंसी पेयजलापूर्ति योजना में उपयोग होनेवाले उपकरणों, उसकी गुणवत्ता और सुरक्षा के उपाय समेत कार्य में लगे कर्मियों के मानदेय पर भी नजर रखेगी. केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के निर्देश पर थर्ड पार्टी एजेंसी का चयन किया जा रहा है. इसे लेकर पेयजल स्वच्छता विभाग, सीडीओ के कार्यपालक अभियंता की ओर से निविदा निकाली गयी है.
एजेंसी को आवेदन देने के लिए अंतिम तिथि एक फरवरी निर्धारित की गयी है. इसके तहत एजेंसी का चयन तीन वर्ष के लिए होना है. विभाग ने राज्य में चल रही ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं को नौ जोन में बांटा है. हर जोन में एक-एक थर्ड पार्टी एजेंसी विभाग की चल रही योजनाओं की गुणवत्ता देखेगी. साथ ही अपने सुपरविजन में गुणवत्ता सुनिश्चित करायेगी. एजेंसी सिंगल विलेज स्कीम व मल्टी विलेज स्कीम पर अपनी नजर रखेगी.
वर्ष 2024 तक झारखंड के सभी घरों में नल से जल पहुंचाने के लिए लगभग 18 हजार करोड़ की ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना पर काम होना है. इसके तहत झारखंड के 59.23 लाख घरों तक पाइपलाइन से शुद्ध पेयजल पहुंचाना है. अब तक झारखंड में सिर्फ 10.50 लाख घरों तक ही जल पहुंच पाया है. देश के अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड की प्रगति काफी धीमी है.
कार्यक्षेत्र जिला राशि (करोड़ रुपये में)
जोन-1 आदित्यपुर व जमशेदपुर 762.45
जोन-2 चाईबासा, चक्रधरपुर व सरायकेला 1549.62
जोन-3 धनबाद, चास, तेनुघाट व गिरिडीह 2327.14
जोन-4 हजारीबाग, चतरा, रामगढ़ व झुमरीतिलैया 2176.59
जोन-5 देवघर, मधुपुर, जामताड़ा व गोड्डा 2355.46
जोन-6 दुमका, पाकुड़ व साहिबगंज 3541.99
जोन-7 मेदिनीनगर, गढ़वा व लातेहार 3196.39
जोन-8 रांची व खूंटी 1291.75
जोन-9 गुमला, लोहरदगा व सिमडेगा 1250.08
Posted By : Sameer Oraon