रांची : झारखंड सरकार पेयजल जलापूर्ति योजनाओं के संचालन और व्यवस्था का सुदृढ़ करने की दिशा में कदम बढ़ा दी है. इसके लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने झारखंड के नागरिकों से सुझाव मांगा है कि कैसे हम इसका बेहतर तरीके से संचालन व संरक्षण कर सकते हैं. दरअसल सरकार ग्रामीण पेयजलापूर्ति नियमावली 2022 तैयार करने जा रही है. गौरतलब है कि झारखंड में अब तक 11.60 लाख घरों तक ही पानी पहुंचाया जा सका है
राज्य के प्रबुद्धजन, व्यवसायिक इकाईयां, निजी संस्थान के साथ आमजन विभाग के ईमेल आइडी swsm.jharkhand@gmail.com व डोरंडा बाजार स्थित प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट में अपना सुझाव भेज सकते हैं. इसके लिए एक माह का समय निर्धारित किया गया है. नियमावली को मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के बाद लागू किया जायेगा.
जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 18,451 करोड़ की लागत से सभी घरों में नल से जल पहुंचाने की योजना है. इसके तहत वर्ष 2024 तक राज्य के 59.23 लाख घरों तक पानी पहुंचाना है. हालांकि अभी तक 11.60 लाख घरों तक ही पानी पहुंचाया जा सका है.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने ग्रामीण पेजयलापूर्ति योजनाओं को लेकर राज्य को नौ जोन में बांटा है. वर्ष 2024 तक जोन-1 के आदित्यपुर व जमशेदपुर में 762.45 करोड़, जोन-2 के चाईबासा, चक्रधरपुर व सरायकेला में 1549.62 करोड़, जोन-3 में धनबाद, चास, तेनुघाट व गिरिडीह में 2327.14 करोड़, जोन-चार के हजारीबाग, चतरा, रामगढ़ व तिलैया में 2176.59 करोड़, जोन-पांच के देवघर, मधुपुर, जामताड़ा व गोड्डा में 2355.46 करोड़,
जोन-छह के दुमका, पाकुड़ व साहिबगंज में 3541.99 करोड़, जोन-सात के मेदिनीनगर, गढ़वा व लातेहार में 3196.39 करोड़, जोन-आठ में रांची व खूंटी में 1291.75 करोड़ जोन-नौ के गुमला, लोहरदगा व सिमडेगा में 1250.08 करोड़ की लागत से जलापूर्ति का कार्य होगा.
Posted By: Sameer Oraon