जामुनदोहर बस्तीवालों को मिलेगा सरकारी सहयोग

केडीएच कोयला खदान विस्तार से उजड़ने वाले जामुनदोहर बस्ती के निवासियों को राज्य सरकार के तय प्रावधानों के तहत हरसंभव सहयोग किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2024 9:02 PM

प्रतिनिधि, डकरा केडीएच कोयला खदान विस्तार से उजड़ने वाले जामुनदोहर बस्ती के निवासियों को राज्य सरकार के तय प्रावधानों के तहत हरसंभव सहयोग किया जायेगा. इसके लिए जो जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी, वह भी तीव्र गति से की जायेगी. उक्त बातें खलारी अंचलाधिकारी प्रणव अंबष्ट ने शुक्रवार को डकरा वीआइपी क्लब में आयोजित सभी पक्षों की एक सामूहिक बैठक में कही. उन्होंने बताया कि विस्थापितों को भूमि देने का कोई प्रावधान नहीं है, बावजूद जामुनदोहर बस्ती के लोगों को यह सुविधा इसलिए दी जा रही है, क्योंकि वे सीसीएल का सहयोग कर रहे हैं. बैठक में मुआवजा राशि में विसंगति का मामला बस्ती वालों ने उठाया. लोगों ने उन्हें बसाने को लेकर सवाल पूछे. जेहलीटांड़ के तर्ज पर मुआवजा नहीं दिये जाने पर आपत्ति जतायी. समस्याओं पर महाप्रबंधक सुजीत कुमार ने कहा कि झारखंड शिड्यूल्ड ऑफ रेट के तहत मुआवजा राशि बनाया गया है. यह हाउस कंपंनशेसन है. इसे लोगों को समझना होगा. इसके अलावा और कोई भी सुविधा प्रबंधन अधिकृत तौर पर नहीं दे सकता है. बैठक में सीसीएल प्रबंधन, बस्ती निवासी, उनके प्रतिनिधि, गवाह के रूप में खलारी इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह, ग्राउंड जीरो पर सभी काम को अंजाम देनेवाले पीओ अनिल कुमार सिंह मौजूद थे. इस बैठक के माध्यम से आम सहमति बनाने का प्रयास किया गया, ताकि वर्षों से लटके समस्या का समाधान माॅनसून शुरू होने के पहले किया जा सके. संचालन और धन्यवाद ज्ञापन सीएसआर अधिकारी निखिल कुमार अखौरी ने किया. इस अवसर पर बिगन सिंह भोक्ता, विनय खलखो, रामलखन राम, दीपमाला, किरण देवी, निर्मला देवी, मुकेश मिश्रा, सुनील कुमार सिंह आदि मौजूद थे. दुल्ली के ग्रामीणों ने मदद की पेशकश की : सीओ बस्ती के लोगों को मैक्लुस्कीगंज से सटे गांव दुल्ली में बसाने का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इस मामले में सीओ ने बताया कि वहां भी कुछ लोग मान गये हैं और बातचीत हो रही है. सीओ ने मुखिया दीपमाला से बात कर जल्द ग्रामसभा कर तीन मामले को स्पष्ट करने को कहा है. बस्ती में किराये पर रह रहे लोगों का नाम हटाने, मुआवजा राशि किसे देना है, इसे स्पष्ट करने व बस्ती में रहनेवाले भूमिहीनों की सूची तैयार करने को कहा है. इसके बाद अंचल कार्यालय अपनी कार्रवाई शुरू की जायेगी. बैठक में शामिल नहीं हुए रैयत स्थानीय रैयत बतानेवाले रतिया गंझू व उनके साथ आये अन्य लोग बैठक में शामिल नहीं हुए. बैठक स्थल के बाहर खड़े रतिया गंझू को सीओ और पीओ ने अंदर बुलाया, लेकिन वे यह कहते हुए नहीं गये कि हमलोगों का मामला अलग है. उसे भीड़ में नहीं सुलझाया जा सकता है. उन्होंने प्रभात खबर को बताया कि मेरे धरना कार्यक्रम के बाद 28 जनवरी 2024 को प्रबंधन ने जो लिखित सहमति जतायी थी उससे मुकर गयी है. बस्ती वालों को बरगलाया जा रहा है, लेकिन हमलोगों को हक-अधिकार नहीं मिला तो सभी पर मुकदमा दर्ज करेंगे.

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