मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है. मैं भी आदिवासी समुदाय से आता हूं, और मुझे आदिवासी होने पर गर्व है. आदिवासी हक और अधिकार की लड़ाई लड़ता आया है. फिर वह लड़ाई महाजनों के विरुद्ध हो या अंग्रेजों के. हमेशा फांसी पर लटकने के लिए भी तैयार रहा है. लेकिन दुर्भाग्य है कि इतिहासकारों ने इन्हें उचित जगह नहीं दी. विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह सबसे पिछड़ा है. अगर ये नहीं बचे, तो अन्य आदिवासी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह में आ जायेंगे. आज हम चांद में पहुंच चुके हैं, लेकिन समाज के अंदर जो अंतर दिख रहा है, उसे अब तक मिट जाना चाहिए. श्री सोरेन यह बातें आदिवासी गौरव दिवस पर खूंटी फुटबॉल मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
पीएम का संदेश आदिवासी समाज के लिए मिल का पत्थर साबित होगा
उन्होंने कहा कि मैं एक आदिवासी राज्य का नेतृत्व कर रहा हूं. हम आज विकास की कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति की बात करते हैं, मगर दुर्भाग्य से वह कागजों और अखबारों में ही सिमटा दिखता है. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के जरिये आज झारखंड सरकार की आंखें, सरकार की आवाज, राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही है. हर एक व्यक्ति को विकास की कड़ियों से जोड़ा जा रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम का संदेश आदिवासी विकास के जो लक्ष्य है, वह आदिवासी समाज के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पहुंच कर उनकी प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. साथ ही उनके वंशजों से मुलाकात की.
आदवासियों को झेलना पड़ता है विस्थापन का दंश
मुख्यमंत्री ने कहा झारखंड कई मायनों को लेकर आगे बढ़ा है. चाहे खनिज संपदा हो या किसी अन्य विषय को लेकर हो. यहां बड़े पैमाने पर जंगलों में बसने वाले आदिवासियों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ता है. खनिज संपदा को निकालने के लिए बड़े पैमाने में कई वर्षों से इनका विस्थापन होता रहा है. इस क्षेत्र में बसनेवाले लोगों के प्रति भी ऐसी विशेष कार्ययोजना तैयार की जाये, जहां हमारे आदिवासी भाई-बहन अपने जल-जंगल-जमीन के साथ अपने आप को समग्र विकास की कड़ियों से जोड़ सके.
आठ बजे से ही सभा स्थल पहुंचने लगे थे ग्रामीण
समारोह में हिस्सा लेने को लेकर लोग सुबह आठ बजे से ही पहुंचने लगे थे. प्रशासन की ओर से इनके बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गयी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन के 11.53 बजे मंच पर पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 42 मिनट तक लोगों को संबोधित किया. समारोह में भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, सांसद आदित्य साहू, समीर उरांव, संजय सेठ, बीडी राम, जयंत सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, समरी लाल, आलोक चौरसिया के अलावा प्रदीप वर्मा, गंगोत्री कुजूर, मीरा मुंडा, राजेश शुक्ल समेत पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे.
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