झारखंड के जनसेवकों का ‘दिन-रात अनिश्चितकालीन धरना’ शुरू, अपनी मांगों को लेकर हैं आर-पार के मूड में
जनसेवकों की मानें, तो अपनी मांगों को लेकर उनके द्वारा आंदोलन किए जाने के बाद भी कृषि विभाग और सरकार की चुप्पी से न सिर्फ़ जनसेवक संवर्ग बल्कि राज्य के सभी अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं.
रांची: झारखंड राज्य जनसेवक संघ द्वारा ‘दिन-रात अनिश्चितकालीन धरना’ बुधवार से डोरंडा के नेपाल हाउस स्थित कृषि सचिवालय के समक्ष शुरू हो गया. झारखंड राज्य जनसेवक संघ के महामंत्री लोकेश कुमार ने कहा कि इस दिन-रात अनिश्चितकालीन राज्यस्तरीय धरना का समापन मांग पूरी होने के बाद ही होगा. आपको बता दें कि राज्य के सभी जिलों के जनसेवकों ने अपने वेतन अवनति और लंबित 11-सूत्री मांगों की पूर्ति के लिए पिछले दो महीने से अधिक समय से हड़ताल पर हैं और लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि इसके बाद भी उनकी सुध नहीं ली जा रही है.
राज्य के कर्मी काला बिल्ला लगाकर जता चुके हैं विरोध
जनसेवकों की मानें, तो अपनी मांगों को लेकर उनके द्वारा आंदोलन किए जाने के बाद भी कृषि विभाग और सरकार की चुप्पी से न सिर्फ़ जनसेवक संवर्ग बल्कि राज्य के सभी अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं. 11 जुलाई को राज्यभर के कर्मियों द्वारा JHAROTEF के आह्वान पर “मैं जनसेवक के साथ हूं“ तथा “वेतन-पेंशन पर कोई प्रहार, नहीं सहेगा कर्मचारी परिवार” के स्लोगन के साथ काला बिल्ला लगाकर सरकार को सीधा संदेश दिया कि 11 साल की सेवा दे चुके जनसेवकों के हितों की रक्षा के लिए पूरे राज्य के 2 लाख से अधिक राज्यकर्मी उनके साथ हैं.
मांग पूरी होने के बाद ही होगा धरने का समापन
झारखंड राज्य जनसेवक संघ के महामंत्री लोकेश कुमार के द्वारा बताया गया की अब इस रात-दिन अनिश्चितकालीन राज्यस्तरीय धरना का समापन हम अपने वेतन अवनति आदेश को निरस्त कराने और लंबित सभी मांगों के संबंध में विभागीय वार्ता कर समाधान निकलने के बाद ही करेंगे.