रांची, खूंटी सहित अन्य जिलों में 22 वर्षों तक आतंक का पर्याय रहा सम्राट गिरोह के सरगना जयनाथ साहू को सभी 42 केस में बरी कर दिया गया है. किसी भी केस में पुलिस उसके खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं जुटा सकी. इस कारण उसे सभी केस में बरी कर दिया गया. इसके बाद वह होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से निकलकर अपने घर चला गया. उसके खिलाफ दर्ज मामलों में मुख्य रूप से हत्या, रंगदारी और आर्म्स एक्ट से जुड़े थे. जानकारी के अनुसार, जयनाथ साहू मूल रूप से लापुंग थाना क्षेत्र के मालगो गांव का रहनेवाला है. वर्ष 1986 में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था. इसी वर्ष उसने मुखिया सुरेंद्र साहू की हत्या की थी. इस मामले में उसे 14 वर्ष की सजा मिली थी. वर्ष 2000 में जेल से निकलने के बाद उसने सम्राट गिरोह बनाया. फिर इसी वर्ष उसने फतेहपुर निवासी मो सनीफ मियां, सनाउल्ला मियां और एक अन्य व्यक्ति की हत्या कर दी. फिर उसने 2006 में खूंटी के नेताजी चौक पर तेली समाज के नेता जयप्रकाश कश्यप की गोली मारकर हत्या कर दी. 22 अक्तूबर 2007 को उसने कर्रा में एंथोनी बारला और 24 मई 2009 में मुन्नी देवी की हत्या कर दी.
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हत्या, रंगदारी और आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले में था आरोपी
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वर्ष 1986 में उसने मुखिया सुरेंद्र साहू की हत्या की थी
जेल से निकलने के बाद लगातार करता रहा अपराध
वह जेल से निकलने के बाद लगातार अपराध करता रहा, लेकिन पुलिस उसे कभी गिरफ्तार नहीं कर सकी. अगस्त 2022 में अचानक 22 वर्षों तक फरार रहने के बाद उसने रांची सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. सरेंडर करने की जानकारी मिलने के बाद रांची पुलिस ने उसे विभिन्न केस में रिमांड पर लिया था. जयनाथ साहू के खिलाफ लापुंग सहित आस-पास के अन्य थाना क्षेत्र में करीब 34 केस दर्ज थे.
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