रांची में चार केंद्रों पर होगा JEE एडवांस का एग्जाम, छात्रों के लिए तीन चीजें हैं अहम, जानें यहां
JEE एडवांस की परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड यानी ऑनलाइन होगी. दो पेपर की परीक्षा में अनिवार्य रूप से शामिल होना होगा. पहली पाली की परीक्षा सुबह नौ से 12 बजे और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर से शाम तक होगी.
JEE Advanced Exam 2023: जेईई एडवांस का एग्जाम चार जून को है. आइआइटी गुवाहाटी ने सोमवार को एडमिट कार्ड जारी कर दिया. रांची में आइऑन डिजिटल जोन तुपुदाना, आरटीसी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ओरमांझी, अरुनुमा टेक्निकल सेंटर सामलौंग और एसआरएस पार्क आइऑन डिजिटल जोन टाटीसिलवे में परीक्षा केंद्र बनाया गया है. इन चारों केंद्रों पर 2768 विद्यार्थी जेइइ एडवांस में शामिल होंगे. इस वर्ष नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने दो सत्र में जेइइ मेंस का आयोजन किया था. झारखंड से सर्वाधिक 9128 विद्यार्थी जनवरी सत्र की परीक्षा में शामिल हुए थे, जबकि अप्रैल सत्र में यह संख्या करीब 7500 थी. इनमें 16-18% विद्यार्थी जेइइ एडवांस के लिए सेलेक्ट हुए हैं.
वहीं, देशभर से 2.5 लाख विद्यार्थी जेइइ एडवांस में शामिल होंगे. यह परीक्षा 23 आइआइटी में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि जेइइ एडवांस के कटऑफ में लगातार इजाफा हो रहा है. यही कारण है कि जेइइ एडवांस के प्रश्न ज्यादा उलझाने वाले यानी हाई ऑर्डर थिकिंग आधारित होते हैं. इसपर ज्यादा फोकस रहने की जरूरत है. बेसिक कंसेप्ट को समझकर सटीक जवाब देना होगा.
दोनों सत्र में शामिल होना अनिवार्य
जेइइ एडवांस की परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड यानी ऑनलाइन होगी. दो पेपर की परीक्षा में अनिवार्य रूप से शामिल होना होगा. पहली पाली की परीक्षा सुबह नौ से 12 बजे और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे तक होगी. दोनों पाली के पेपर में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के प्रश्न पूछे जायेंगे. इन प्रश्नों के माध्यम से विषय के प्रति गंभीरता, जानकारी, नवीन सोच और तार्किक क्षमता का आकलन किया जाता है. प्रत्येक पाली में 180 मिनट समय मिलेगा. जेइइ एडवांस प्रत्येक वर्ष नये पैटर्न पर होता है. प्रैक्टिस टेस्ट पेपर के आधार पर पहली पाली के पेपर में विद्यार्थियों को 60 से 66 प्रश्नों के जवाब देने होंगे. सीमित समय में ज्यादा से ज्यादा प्रश्न हल हो, इसके लिए जवाब देने की गति बढ़ानी होगी. प्रत्येक प्रश्न के सही हल करने पर पूरे अंक मिलेंगे और गलत होने पर शून्य.
लगातार बढ़ रही छात्राओं की संख्या
जेइइ मेंस और एडवांस में लगातार सफल छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रही है. इसे देखते हुए 2017 में आइआइटी में छात्राओं के लिए अतिरिक्त सीट बढ़ाने का निर्देश दिया गया. 2020 से प्रत्येक कॉलेज में 20 फीसदी तक की सीट छात्राओं के हिस्से की गयी है. विभिन्न आइआइटी में यह संख्या 35 से लेकर 338 सीट तक है. वहीं 2020 तक 23 आइआइटी में 3183 सीटें निर्धारित हैं.
आइआइटी गुवाहाटी के प्रैक्टिस सेट से तैयारी आसान
विद्यार्थियों की बेहतर तैयारी के लिए आइआइटी गुवाहाटी ने मॉक टेस्ट की सुविधा दी है. https://jeeadv.ac.in/ पर लॉगइन कर प्रैक्टिस पेपर हल कर परीक्षा के पैटर्न को समझ सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पेपर को समझने के लिए मॉक टेस्ट सबसे कारगर विकल्प है. इससे न केवल अभ्यर्थी क्वेश्चन पैटर्न से परिचित होंगे, बल्कि विषय के मजबूत और कमजोर पक्ष की भी जांच कर सकते हैं. तैयारी का विश्लेषण कर विद्यार्थी अंतिम समय में खुद को किन विषय में ध्यान देना है और किन प्रश्न को छोड़कर आगे बढ़ना है, इसका बेहतर मूल्यांकन कर सकते हैं.
जेइइ एडवांस के पिछले चार वर्ष का कटऑफ
वर्ष कटऑफ(जेनरल) कटऑफ (ओबीसी)
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2019 – 89.7 – 74.31
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2020 – 90.3 – 72.8
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2021 – 87.9 – 68.02
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2022 – 88.4 – 67
परीक्षा केंद्र में ये करें
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जिस विषय में आप मजबूत हैं, उसे सबसे पहले हल करें
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हर प्रश्न में समान समय नहीं देना है, कम मार्क्स वाले प्रश्नों में कम समय दें
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कोशिश करें कि प्रश्नों को सिक्वेंसली सॉल्व करें
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पहले आसान प्रश्नों का जवाब दें
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प्रश्न पूरा पढ़ें, समझें तभी सॉल्व करें, प्रश्न को हल करने में ज्यादा न हड़बड़ाये
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रफ वर्क ठीक से करें
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परीक्षा से पहले संतुलित आहार लें और ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें
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परीक्षा के दबाव के कारण अक्सर विद्यार्थियों को नींद नहीं आती, जबकि परीक्षा से पहले आठ से 10 घंटे की नींद जरूर पूरी करें
परीक्षा में इन चीजों से बचें
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निगेटिव मार्किंग को ध्यान में रखते हुए कठिन प्रश्नों पर रिस्क न लें
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उलझाने वाले प्रश्नों में समय बर्बाद न करें
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तुक्केबाजी से प्रश्न को हल न करें, इससे निगेटिव मार्किंग की संभावना बढ़ेगी
इन टॉपिक्स को निश्चित रूप से पढ़ें
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जेइइ एडवांस में शामिल हो रहे विद्यार्थियों को फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के इन टॉपिक पर गंभीर अभ्यास की जरूरत है.
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मैथ्स : क्वाड्रेटिक इक्वेशन एंड एक्सप्रेसन, कॉम्प्लेक्स नंबर, प्रोबेबिलिटी, एरिया एंड थ्री-डी ज्याेमिट्री, एलजेब्रा, मैट्रिक्स, को-ऑर्डिनेट ज्योमिट्री में सर्कल, परबोला, हाइपरबोला, कैलकुलस में फंक्शंस, लिमिट्स, कंटीन्यूटी एंड डिफरेंसिबिलिटी, एप्लीकेशंस ऑफ डेफिनिट, इंटीग्रल.
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फिजिक्स : मेकैनिक्स, फ्लूइड्स, हीट एंड थर्मोडानयामिक्स, वेव एंड साउंड, कैपेसिटर और इलेक्ट्रोस्टैटिक्स, मैग्नेटिक्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन, ऑप्टिक्स और मॉडर्न फिजिक्स.
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केमिस्ट्री : क्वालिटेटिव एनालाइसिस, इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री, थर्मोडायनामिक्स, केमिकल इक्विलिब्रियम, ऑर्गेनिक केमिस्ट्री जैसे विषयों को पूरी तरह से एनसीइआरटी किताब से पढ़कर उनके आंतरिक व अभ्यास प्रश्नों को हल करना होगा.
पांच दिनों में टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें
विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा में सफलता के लिए समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा. समय प्रबंधन खराब होने से प्रश्न के छूटने और गलत हल करने की संभावना बढ़ती है. परीक्षा के बाकी बचे पांच दिनों में मॉक टेस्ट व प्रैक्टिस सेट पेपर को हल कर समय प्रबंधन दुरुस्त किया जा सकता है. फिटजी रांची के सेंटर हेड रणधीर कुमार ने बताया कि जेइइ एडवांस की तैयारी में समय प्रबंधन का अभ्यास जरूरी है. जेइइ एडवांस को लक्ष्य मानने वाले विद्यार्थियों को नये टॉपिक छोड़ सिर्फ अपने मजबूत पक्ष पर फोकस करने की जरूरत है. नियमित तौर पर विषय को बांटकर पांच से छह घंटे की पढ़ाई और एक टेस्ट पेपर हल करें. ध्यान दें कि एक प्रश्न को हल करने में तीन से चार मिनट से ज्यादा का समय न लगे.
परीक्षा में पहले न्यूमेरिकल को हल करें
ब्रदर्स एकेडमी के निदेशक सह शिक्षक पारस अग्रवाल ने कहा कि जेइइ एडवांस में निगेटिव मार्किंग से बचने के लिए विद्यार्थी पेपर की शुरुआत न्यूमेरिकल आधारित प्रश्नों से कर सकते हैं. शुरुआत में दबाव कम होता है. शांत मिजाज से विद्यार्थी प्रश्नों को बेहतर तरीके से हल कर सकेंगे. अंतिम समय में हड़बड़ी होने से उत्तर के गलत होने की संभावना बढ़ जाती है. वैसे प्रश्न जिनके उत्तर गलत लग रहे हो, उन्हें पूरी तरह छोड़ दें, अनुमान आधारित उत्तर से निगेटिव मार्किंग हो सकती है. वैसे प्रश्न जिन्हें समझने में परेशानी हो रही, उसके लॉजिक को समझने के लिए दिये गये शब्द से टॉपिक को पकड़े.