धनबाद जज उत्तम आनंद माैत मामले में सरकार के जवाब पर झारखंड हाइकोर्ट नाराज, गृह विभाग के प्रधान सचिव तलब

झारखंड हाईकोर्ट में धनबाद जज उत्तम आनंद मौत मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने सरकार के जवाब पर नाराजगी जाहिर की. वहीं, सीबीआइ की प्रगति रिपोर्ट से भी संतुष्ट नहीं दिखे. इस मामले को लेकर हाइकोर्ट ने गृह विभाग के प्रधान सचिव को तलब किया.

By Samir Ranjan | October 15, 2022 6:29 AM

Jharkhand News: झारखंड हाइकोर्ट (Jharkhand Highcourt) ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान सीबीआइ की प्रगति रिपोर्ट को देख कहा कि जांच जहां थी, वहीं पर है. सीबीआइ आगे नहीं बढ़ पायी है. वहीं, खंडपीठ ने फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्ति के बारे में सरकार से जानकारी मांगी.

गृह विभाग के प्रधान सचिव तलब

सरकार की ओर से बताया गया कि चतुर्थ वर्ग के पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी को लिखा गया है. एफएसएल में आउटसोर्स पर रखे गये कर्मियों के नियमितीकरण पर सरकार विचार कर रही है. इसके लिए बैठक भी हुई है. खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है. बगैर कोर्ट की अनुमति लिए या जानकारी दिये आउटसोर्स कर्मियों के नियमीतिकरण पर सरकार कैसे विचार कर सकती है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अधिकारी कोर्ट की प्रोसिडिंग्स को हलके में ले रहे हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. खंडपीठ ने मामले में गृह विभाग के प्रधान सचिव को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के दाैरान सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया.

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4 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

वहीं, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को सरकार द्वारा नियुक्ति से संबंधित जो अधियाचना भेजी गयी है, उस पर क्या कार्रवाई की गयी है, बताने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने चार नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पहले सीबीआइ की अोर से सीलबंद प्रगति रिपोर्ट दायर कर बताया गया कि वाट्सएप चैट के बारे में इंटरपोल इंडिया के माध्यम से यूएसए इंटरपोल से मदद ली जायेगी. जानकारी मिलने के बाद जांच आगे बढ़ायी जायेगी. उल्लेखनीय है कि धनबाद के जज उत्तम आनंद की माैत टेंपो के टक्कर से हो गयी थी. झारखंड हाइकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया था. पूर्व में मामले की एसआइटी से जांच करायी गयी. बाद में हाइकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआइ को हैंडअोवर की गयी. धनबाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने ट्रायल में दोषी पाये गये आरोपी लखन वर्मा व राहुल वर्मा को उम्र कैद की सजा सुनायी है.

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