Jharkhand Corona Update : पूरे देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि अभी अलार्मिंग स्थिति नहीं है, लेकिन एहतियात जरूरी है. झारखंड की बात करें, तो 19 जून तक राज्य में एक्टिव केस की संख्या 108 है. इस समय टीका ही कोरोना से बचाव का सबसे मजबूत कवच है, लेकिन राज्य में टीकाकरण की गति बेहद धीमी है. लोग भी टीका लेने में कमी दिखा रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार, राज्य में 18 प्लस की 74 फीसदी आबादी को दूसरा डोज लगा है, यानी 26%अभी टीका से वंचित हैं. 15 से 17 साल के 61 फीसदी (39% वंचित) को पहला डोज और 36 (64% वंचित) फीसदी को दूसरा डोज लगा है. वहीं, 12 से 14 साल के 50 फीसदी (50% वंचित) को पहला डोज और 18%(82% वंचित) को दूसरा डोज का टीका लगा है. इधर, कोरोना का फ्री प्रीकॉशन डोज सिर्फ 3,96,545 ने लिया है. पैसा खर्च कर सिर्फ 31,352 लोगों ने प्रीकॉशन डोज का टीका लिया है. इधर, विशेषज्ञों ने दोबारा कोरोना को लेकर सतर्क किया है.
रिम्स के क्रिटिक्रल केयर विशेषज्ञ डॉ प्रदीप भट्टाचार्या ने कहा कि टीका से कोरोना की जटिलता में कमी आती है, इसलिए टीका अवश्य लगायें. रांची जिले में सबसे अधिक एक्टिव केस की संख्या 65 हो गयी है, लेकिन यहां टीकाकरण की गति बेहद धीमी है. रांची जिला में 25% लोगों को दूसरा डोज का टीका नहीं लगा है. वहीं, 15 से 17 साल के किशोरों में 40% पहला डोज और 63 फीसदी को दूसरा डोज का टीका नहीं लगा है. 12 से 14 साल के किशोरों में 71% पहला डोज और 90% दूसरा डोज के टीका से वंचित हैं.
रांची के शहरी क्षेत्र में अब सभी केंद्रों पर मंगलवार से टीकाकरण होगा. 10 दिनों से शहर के 12 केंद्रों पर टीकाकरण धारा 144 के कारण बंद था. मंगलवार से शहर के सभी केंद्रों में टीकाकरण होगा. बताते चलें कि बच्चों के लिए एक वॉयल में टीके की 20 खुराक होती है. अधिकतर सेंटर पर एक साथ 20 बच्चे नहीं जुट पा रहे. इसके चलते जो बच्चे टीका लेने जा रहे हैं, उन्हें भी टीका नहीं मिल रहा है. इसका समाधान तभी हो सकता है, जब स्कूलों में ही बच्चों के लिए टीकाकरण शिविर लगाया जाये.