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ओबीसी आरक्षण और 1932 खतियान की लड़ाई अब दिल्ली में लड़ी जायेगी, अगली बार हम 75 की संख्या में रहेंगे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा से 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और ओबीसी आरक्षण संबंधी बिल पास के बाद सदन निकलते हुए विक्ट्री साइन दिखायी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा से 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और ओबीसी आरक्षण संबंधी बिल पास के बाद सदन निकलते हुए विक्ट्री साइन दिखायी. उन्होंने पत्रकारो से कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. आज का यह निर्णय राज्य के आदिवासियों व जनमानस के लिए काफी महत्वपूर्ण है.

सीएम ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा येन-केन-प्रकारेण सरकार गिराने का और विधायकों के खरीद फरोख्त करने का प्रयास किया जाता रहा है, लेकिन यह सरकार मजबूती के साथ काम करती रहेगी. सीएम ने कहा कि सदन में हमें 52 की संख्या में समर्थन किया गया है, पर अगली बार हम 75 की संख्या में रहेंगे. सीएम ने कहा कि दोनों बिल को नौंवी अनुसूची में भेजा गया है, जिस पर केंद्र सरकार को फैसला लेना है.

नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव कई भाजपा शासित राज्यों ने भी भेजा है. इसके लिए अब दिल्ली में लड़ाई लड़ी जायेगी और वहां से ये बिल पास कराने का प्रयास किया जायेगा. झारखंड की जनता दिल्ली पहुंचेगी और मुहर लगवाने का काम करेगी.

झारखंड के लिए 11 नवंबर का दिन बेहद खास है

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के लिहाज से 11 नवंबर का दिन बेहद खास और ऐतिहासिक है. 11 नवंबर 1908 को ही सीएनटी एक्ट वजूद में आया था. वहीं, पिछले वर्ष 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा में सरना अलग धर्म कोड के विधेयक को पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था और एक बार फिर आज 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि का विधेयक झारखंड विधानसभा से पारित किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी और मूलवासियों को उनका अधिकार देने के साथ यहां रह रहे सभी लोगों के हितों का भी पूरा ख्याल और संरक्षण किया जायेगा.

हमने बनाया, हम ही सवांरेंगे : सत्ता पक्ष

विधानसभा में विशेष सत्र के शुरू होने से पहले सत्ता पक्ष के विधायक विधानसभा के मुख्यद्वार पर जुटे. उन्होंने खतियान आधारित स्थानीय व आरक्षण संबंधी विधेयक के समर्थन में एकजुटता दिखायी. पोस्टर व बैनर लेकर नारेबाजी की. विधायकों ने कहा झारखंड को हमने बनाया, हम ही सवांरेंगे. सरकार ने वायदा पूरा किया जा रहा है. आज का दिन ऐतिहासिक है. झारखंड की पहचान 1932 का खतियान ही है. इस दौरान झामुमो, कांग्रेस व राजद के मंत्री व विधायक मौजूद रहे. गेट के समक्ष लगभग आधे घंटे तक विधायक नारेबाजी करते रहे.

बिल पास होने के बाद हुई आतिशबाजी:

विधानसभा से स्थानीय व आरक्षण संबंधी विधेयक पास होने के बाद यूपीए गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के बाहर जम कर आतिशबाजी. ढोल-नगाड़े बजा कर अपनी खुशी का इजहार किया. मंत्री जगरनाथ महतो ने कार्यकर्ताओं के बीच जाकर उनका हौसला बढ़ाया.

भाकपा ने किया स्वागत

रांची. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 1932 का खतियान और 27% ओबीसी को आरक्षण देने के फैसले का स्वागत किया है. राज्य सचिव महेंद्र पाठक, पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता व अजय सिंह ने संयुक्त रूप फैसला का स्वागत किया है. पार्टी ने नीति निर्धारण के दौरान राज्य में अलग-अलग समय में सर्वे कार्य, भूमिहीन लोग जिनके पास खतियान और प्रमाण-पत्र नहीं है को भी थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी में प्राथमिकता देने की बात कही है.

ऐतिहासिक कदम : माले

झारखंड विधान सभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा स्थानीय एवं नियोजन नीति पारित करने पर भाकपा माले ने स्वागत किया है. पार्टी नेता विनोद सिंह ने इसे सरकार द्वारा लिया गया ऐतिहासिक कदम बताया है. उनके द्वारा संशोधन प्रस्ताव के तहत लाये गये सुझाव के बाद स्थानीयता की नीति के साथ नियोजन की नीति को जोड़ने की मांग की थी. विधायक विनोद सिंह के कार्यालय पहुंचते ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया.

इस मौके पर पुष्कर महतो, त्रिलोकी नाथ, शहीद शेख, नोरिन अख्तर, शांति सेन, आयती तिर्की, तरुण कुमार, दानिश, इशहाक अंसारी आदि मुख्य रूप से शामिल थे.

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