रांची, राणा प्रताप: झारखंड में संचालित 600 वित्तरहित स्कूल, मदरसा व इंटर कॉलेजों से चालू वित्तीय वर्ष 2023-2024 के तहत अनुदान के लिए अब तक राज्य सरकार ने आवेदन नहीं लिया है. इससे अनुदान राशि लैप्स होने के कगार पर है. शिक्षकों व कर्मियों से इस कारण नाराजगी है. वे आंदोलन करने के मूड में हैं. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन मांगा गया था, लेकिन पोर्टल में आयी तकनीकी खराबी के कारण कोई भी वित्तरहित संस्थान आवेदन नहीं कर पाया. इस बात की लिखित जानकारी विभाग को देने के बावजूद अब तक पोर्टल की तकनीकी खराबी दूर नहीं की जा सकी है.
40 दिन ही है शेष
अब वित्तीय वर्ष की समाप्ति में सिर्फ 40 दिन का ही समय बचा हुआ है. बजट में आवंटित 90 करोड़ रुपये अनुदान राशि लैप्स होने के कगार पर है, लेकिन स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग उदासीन बना हुआ है. पोर्टल की खराबी तक दूर नहीं कर पाया है. वित्तीय वर्ष 2018-2019 और 2019-2020 में इसी तरह के विलंब के कारण अनुदान की राशि लैप्स हो गयी थी. बताया जाता है कि वर्ष 2016 से अनुदान के लिए प्रपत्र ऑनलाइन भरे जा रहे हैं, लेकिन विभाग ने अब तक आईटी सेल का गठन तक नहीं किया है. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में अनुदान ऑनलाइन करने का काम तथा पोर्टल की देखरेख करने की जवाबदेही के लिए 25 लाख रुपये में प्राइवेट एजेंसी को कार्य दिया गया है. 190 इंटर कॉलेज, 305 उच्च विद्यालय, 38 संस्कृत विद्यालय तथा 47 मदरसा संस्थान अनुदान के लिए ऑनलाइन प्रपत्र भरते हैं. उधर हाइस्कूल, संस्कृत स्कूल, मदरसा व इंटर कॉलेज के लगभग 10,000 शिक्षक व कर्मचारियों को चालू वित्तीय वर्ष का अनुदान मिलने पर संकट गहरा गया है. अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि 10 जनवरी से लेकर 10 फरवरी तक थी. अब तक स्थिति ज्यो की त्यों बनी हुई है. इस मामले को विधानसभा के सत्र में भी विधायकों द्वारा उठाया जायेगा.
आंदोलन की बनी रणनीति
झारखंड शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा 26 फरवरी को मुख्यमंत्री को ज्ञापन देगा तथा 29 फरवरी को मोर्चा के तत्वावधान में विधानसभा के समक्ष महाधरना दिया जायेगा. वित्तीय वर्ष 2023-2024 के अनुदान ऑनलाइन नहीं होने को लेकर दो मार्च को पूरे राज्य में शैक्षणिक हड़ताल रहेगी. स्कूल-कॉलेजों में ताला लटके रहेंगे तथा शिक्षक-कर्मी संस्थान के गेट पर धरना देंगे. कहा गया कि यदि अनुदान की राशि लैप्स हुई, तो मोर्चा प्रदर्शन तथा मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगा. मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा गया कि फरवरी माह बीतने जा रहा है और विभाग अनुदान के लिए वित्तरहित संस्थानों से आवेदन तक प्राप्त नहीं कर पाया है. पोर्टल भी ठीक नहीं हुआ है. इस स्थिति के लिए जो भी पदाधिकारी दोषी हैं, उसके खिलाफ मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाई करें.
26 फरवरी को अध्यक्ष मंडल की होगी बैठक
26 फरवरी को अध्यक्ष मंडल की बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जायेगा. इस अवसर पर सुरेंद्र झा, रघुनाथ सिंह, संजय कुमार, अरविंद सिंह, मनीष कुमार, देवनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, नरोत्तम सिंह, एनके सिंह, बिरसो उराव, रणजीत मिश्रा, अनिल तिवारी ,गणेश महतो, रघु विश्वकर्मा उपस्थित थे.