रांची : राज्य के 105 स्थापना अनुमति प्राप्त (अस्थायी मान्यता) हाइस्कूल प्रस्वीकृति (स्थायी मान्यता ) की शर्त को पूरा नहीं करते हैं. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा अनुदानित स्थापना अनुमति प्राप्त हाइस्कूलों की वर्तमान स्थिति के बारे में झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) से जानकारी मांगी गयी थी. जैक द्वारा इस संबंध में विभाग को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गयी है.
राज्य के 105 ऐसे स्थापना अनुमति प्राप्त विद्यालय हैं, जो मान्यता की शर्त पूरी नहीं करते हैं. जबकि 76 विद्यालय सभी शर्तें पूरी करते हैं. मान्यता की शर्त पूरी नहीं करने वाले अधिकतर विद्यालयों के पास प्रावधान के अनुरूप जमीन नहीं है. इसमें संताल परगना प्रमंडल व औद्योगिक क्षेत्रों के विद्यालय जमीन की शर्त पूरी नहीं करते हैं. संताल परगना में एसपीटी एक्ट के कारण जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती है, वहीं औद्योगिक क्षेत्र में स्थित विद्यालयों के पास भी मापदंड के अनुरूप जमीन नहीं है. कुछ विद्यालयों में नियमावली के अनुरूप भवन, शिक्षक व अन्य संसाधन भी नहीं हैं.
एकीकृत बिहार व राज्य गठन के बाद वर्ष 2008 के पूर्व स्थापना अनुमति प्राप्त विद्यालयों को वर्ष 2020-21 में अनुदान के लिए आवेदन जमा करने की अनुमति नहीं दी गयी है. जबकि इससे पूर्व इन विद्यालयों को भी अनुदान दिया जाता है. झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षक संयुक्त संघर्ष मोर्चा पूर्व की भांति सभी विद्यालयों को अनुदान देने की मांग कर रहा है. मोर्चा के रघुनाथ सिंह ने बताया कि स्कूलों को मान्यता की शर्त पूरा करने के लिए कम से कम दो वर्ष का समय दिया जाये.
76 अनुदानित स्थापना अनुमति प्राप्त स्कूल पूरी करते हैं मान्यता की शर्त
कई स्कूलों में नियमावली के अनुरूप भवन, शिक्षक व अन्य संसाधन नहीं
अधिकतर स्कूलों के पास नहीं है नियमावली के अनुरूप अपनी जमीन
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने जैक से एकीकृत बिहार व राज्य गठन के बाद 2008 से पहले स्थापना अनुमति प्राप्त अनुदानित विद्यालयों के बारे में जानकारी मांगी थी. जैक द्वारा शिक्षा विभाग को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार 239 विद्यालय संचालित हैं. इनमें से 30 विद्यालयों ने स्थायी मान्यता प्राप्त कर ली है. कुछ स्कूल बंद हो गये हैं.
posted by : sameer oraon