Jharkhand: सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से किशोरियों को मिलेगा लाभ, जिलों ने शुरू की प्रक्रिया

राज्य सरकार अब राज्य की किशोरियों को नयी योजना के तहत लाभ देगी. इसके लिए प्रयास शुरू किये जा चुके हैं. राज्य के जिलों के उपायुक्त को इस बाबत आदेश दिया जा चुका है. कई जिलों ने इसकी शुरुआत कर दी है. चतरा में जिला प्रशासन ने इस सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के लाभ के बारे में बताया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2022 2:20 PM

Jharkhand News: राज्य सरकार अब राज्य की किशोरियों को नयी योजना के तहत लाभ देगी. इसके लिए प्रयास शुरू किये जा चुके हैं. राज्य के जिलों के उपायुक्त को इस बाबत आदेश दिया जा चुका है. कई जिलों ने इसकी शुरुआत कर दी है. साथ ही इस नयी योजना के बारे बताना भी शुरू कर दिया है. चतरा जिले में निकाली गई सूचना में बताया गया है कि अब राज्य में पूर्व की तरह मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की जबह सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत का लाभ देने का निर्णय लिया गया है.

12वीं के बाद मिलेगी एक मुश्त राशि

चतरा में जिला प्रशासन ने इस सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के लाभ और शर्तों के बारे में बताना शुरू किया है. सूचना में कहा है कि आठवीं क्लास से बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को अब सुकन्या योजना की बजाए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ दिया जायेगा. इसके तहत उन्हें आर्थिक सहायता के अलावा स्कूली पढाई के बाद (12 वीं के बाद) एकमुश्त अनुदान भी मिलेगा. इस योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी चतरा जिला प्रशासन की वेबसाइट http://www.chatra.nic.in से ली जा सकती है.

जानिए मिलेंगे इतने रुपये

नोटिफिकेशन के अनुसार आठवीं और नौवीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों को 2500 रुपये का आर्थिक लाभ मिलना है. वहीं 10वीं, 11वीं और 12वीं में पढ़ने वालों को 5000 रुपये तथा इसके बाद 18-19 वर्ष की आयु पूरी होने पर 20 हजार रुपये का एकमुश्त अनुदान मिलेगा. योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वाले को अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र से संपर्क करना होगा. केंद्र के जरिये संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को आवेदन देना होगा.

यह है योजना का उद्देश्य

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का असल उद्देश्य बालिकाओं, किशोरियों को शिक्षा से जोड़ना और वयस्क होने पर उसकी शादी के लिए जरूरी सहायता करना है. बच्चियों को स्कूल से जोड़े रखने में इससे बड़ी मदद मिलने की उम्मीद की जाती है.

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