10 माह में नियम नहीं बना पाया झारखंड कृषि विभाग, फिर बनी कमेटी
कमेटी को एक सप्ताह में नियमावली बनाने के लिए कहा गया है. नियमावली बनाने के लिए पूर्व में भी एक कमेटी बनायी गयी थी. कमेटी ने प्राथमिक रिपोर्ट भी दे दी थी, लेकिन उस पर अमल नहीं हो सका है.
मनोज सिंह, रांची :
झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्द्धन और सुविधा) अधिनियम-2022 का गजट प्रकाशित हुए 10 माह हो गये हैं. लेकिन अब तक कृषि विभाग नियमावली नहीं बना पाया है. इससे बाजार समिति का कामकाज प्रभावित हो रहा है. अब राज्य सरकार ने फिर नियम बनाने के लिए कमेटी बनायी है. पांच सदस्यीय कमेटी का अध्यक्ष झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद के सचिव को बनाया गया है.
कमेटी में धनबाद बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह, गढ़वा बाजार समिति के पणन सचिव राहुल कुमार, सरायकेला बाजार समिति के पणन सचिव जुलान मिखाइल टोपनो तथा कृषि उत्पादन बाजार समिति के मुख्य प्रतिवेदक शंभु शरण सिंह को रखा गया है. कमेटी को एक सप्ताह में नियमावली बनाने के लिए कहा गया है. नियमावली बनाने के लिए पूर्व में भी एक कमेटी बनायी गयी थी. कमेटी ने प्राथमिक रिपोर्ट भी दे दी थी, लेकिन उस पर अमल नहीं हो सका है.
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21 फरवरी को हो चुका है गजट का प्रकाशन
कैबिनेट और विधानसभा से अधिनियम-2022 पारित होने के बाद 21 फरवरी को इसका गजट भी प्रकाशित हो चुका है. इसे राज्यपाल का भी अनुमोदन प्राप्त हो चुका था. गजट प्रकाशन के बाद इसकी नियमावली तैयार होती है. इसमें मार्केटिंग बोर्ड के संचालन के बारे में तय होता है. नियमावली नहीं बनने से मार्केटिंग बोर्ड के संचालन और बाजार शुल्क पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है. नियमावली बनने के बाद कृषि विभाग इसकी अधिसूचना जारी करेगा. अधिसूचना जारी होने के बाद ही बाजार शुल्क वसूली शुरू हो पायेगी.
क्या है अधिनियम में प्रावधान
इसमें बाजारों की स्थापना और बाजार समिति के गठन के प्रावधान की भी जानकारी दी गयी है. गजट में बाजार समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और बाजार समिति के कार्यों के संचालन, शक्तियों और कर्तव्यों की जानकारी भी है. गजट में बाजार समिति के कर्मियों की शक्ति, कर्तव्य व नियुक्ति की प्रक्रिया भी तय की गयी है. इ-व्यापार के संचालन, व्यापार के विनियमन, बजट व बाजार समिति कोष और झारखंड राज्य कृषि विपणन बोर्ड के गठन का प्रावधान भी तय किया गया है. बोर्ड में निदेशक की नियुक्ति, अधिकार और शक्तियों का प्रावधान भी तय किया गया है. बाजार समितियों में होनेवाली गतिविधियों के नियंत्रण और नियम-उपनियम की जानकारी भी है. नियमावली में ही तय किया जायेगा कि बाजार समिति से ट्रेड होने वाले उत्पादों पर कितना-कितना कर लगाया जायेगा. कौन-कौन उत्पाद टैक्स मुक्त किये जायेंगे.