Jharkhand Agriculture Minister Badal Patralekh: रांची : झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख बाल-बाल बच गये. गुरुवार की देर रात राजधानी रांची से जामताड़ा जाने के क्रम में उनकी तेज रफ्तार कार के सामने एक ट्रक आ गया. सामने से ट्रक को आते देख कृषि मंत्री की कार के चालक ने तत्काल ब्रेक लगाया, जिससे बड़ी दुर्घटना होने से बच गयी. हालांकि, कृषि मंत्री श्री पत्रलेख के सिर में चोट लगी है. उनकी उंगली में भी फ्रैक्चर हो गया है.
दरअसल, श्री पत्रलेख देर रात को रांची से जामताड़ा जा रहे थे. पिछले 15 दिनों से लगातार दुमका और बेरमो विधानसभा उपचुनाव के अलावा बिहार के अमरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी वह सक्रिय हैं. लगातार उनका इन जगहों पर आना-जाना लगा रहा है. गुरुवार को रांची में किसानों की ऋण माफी पर एक अहम बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता कृषि मंत्री ने ही की.
गुरुवार सुबह 11 बजे बैठक में शामिल हुए और बैठक के बाद मंत्री श्री पत्रलेख चन्हो चले गये, जहां शहीद अभिषेक साहू के परिजनों से उन्होंने मुलाकात की. शहीद के परिजनों से मुलाकात करने और उन्हें सांत्वना देने के बाद कृषि मंत्री बोकारो जिला के बेरमो होते हुए जामताड़ा की ओर रवाना हो गये. इसी दौरान देर रात उनकी कार की एक ट्रक से टक्कर होने से बच गयी.
Also Read: KYC अपडेट करने के नाम पर खाता खाली करने वाले 16 साइबर क्रिमिनल्स गिरफ्तारसमय रहते कृषि मंत्री की कार के चालक ने सामने से आते हुए ट्रक को देख लिया और उसने अचानक ब्रेक लगा दी. फलस्वरूप बड़ी दुर्घटना होने से बच गयी. अचानक ब्रेक लगाने की वजह से कृषि मंत्री को कुछ चोटें आयी हैं. इसका पता उस वक्त चला, जब श्री पत्रलेख शुक्रवार सुबह जामताड़ा के सदर अस्पताल में अपना इलाज कराने के लिए पहुंचे.
कृषि मंत्री बिना किसी सरकारी तामझाम के जामताड़ा सदर अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों की टीम ने उनकी गहन जांच की. उनकी एक उंगली में फ्रैक्चर है. कृषि मंत्री के सिर में भी चोट आयी है. हालांकि, अभी तक उनके सिर की चोट की गंभीरता के बारे में स्पष्ट रूप से डॉक्टरों ने कुछ नहीं कहा है. लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि उनकी चोट गंभीर नहीं है.
कृषि मंत्री से जब पत्रकारों ने यह पूछा कि इलाज कराने के लिए वह सदर अस्पताल ही क्यों आये, तो उन्होंने कहा कि सूबे का मंत्री होने के नाते उनकी जिम्मेवारी है कि वह अपने डॉक्टरों पर भरोसा करें. अपने सिस्टम पर भरोसा करें. इसलिए किसी प्राइवेट अस्पताल में जाने की बजाय उन्होंने सरकारी अस्पताल में आना उचित समझा.
Also Read: Kojagari Laxmi Puja 2020: दुर्गा पूजा के पंडालों में ही होती है कोजागरी लक्ष्मी पूजा, बंगाल में रात भर जगने की है परंपराश्री पत्रलेख ने कहा कि सरकार से जुड़े हर व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराना चाहिए. इससे सरकारी अस्पतालों की स्थिति का भी पता चलता रहेगा. उन्होंने जांच और इलाज करने वाले डॉक्टरों को शुक्रिया कहा. साथ ही कहा कि सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए भी जरूरी है कि सरकारी अधिकारी और मंत्री सरकारी अस्पतालों में इलाज करायें. उन्होंने कहा कि यहां के डॉक्टरों ने बेहद संजीदगी से उनका इलाज किया.
Posted By : Mithilesh Jha