झारखंड हाइकोर्ट ने कृषि घोटाले के अभियुक्त पूर्व कृषि मंत्री व वर्तमान में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. साथ ही कृषि घोटाले की और जांच की मांग वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की अदालत में हुई.
अदालत ने मंत्री की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विशेष न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने का कोई कानूनी आधार अभियुक्त के पास नहीं है. दंड की राशि झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेस के खाते में जमा करने का निर्देश दिया. राज्य में हुए कृषि घोटाले की जांच के बाद निगरानी ने 13 जनवरी 2014 को तत्कालीन कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता सहित अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
इसके बाद श्री भोक्ता ने निगरानी विभाग के अधिकारियों को आवेदन देकर इस मामले में और अधिक जांच करने का अनुरोध किया था. इस आग्रह के आलोक में अनुसंधानकर्ता ने निगरानी के विशेष न्यायालय की अदालत में याचिका दायर की थी. इसमें विशेष न्यायाधीश से कृषि घोटाले में और जांच करने की मांग की गयी थी. याचिका में किसी नये तथ्य का उल्लेख नहीं किया गया था.
मामले में सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ने निगरानी के अनुसंधानकर्ता की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था. विशेष न्यायाधीश ने इस सिलसिले में आदेश 10 जून 2022 को पारित किया था. इस आदेश के खिलाफ मंत्री सह कृषि घोटाले के अभियुक्त ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी.
कृषि घोटाले का यह मामला वर्ष 2004-07 तक की अवधि का है. इस अवधि में कागजी संस्थाओं से चना, गेहूं और मसूर की बीज खरीद के नाम पर 46.10 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है. इस मामले में विनित कच्छप की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसमें तत्कालीन कृषि मंत्री सहित कृषि विभाग के कई अधिकारी शामिल थे. इसमें कई अधिकारियों को फिलहाल अदालत से राहत मिली हुई है.