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डिजिटल लैंड रिकॉर्ड तैयार करने में बिहार से बेहतर झारखंड और पश्चिम बंगाल

Digital Land Record तैयार करने में मध्य प्रदेश अव्वल, बिहार से बेहतर झारखंड और पश्चिम बंगाल

रांची/नयी दिल्ली : आर्थिक शोध संस्थान एनसीएइआर ने कहा है कि डिजिटल लैंड रिकॉर्ड तैयार करने और उनकी गुणवत्ता के मामले में झारखंड और पश्चिम बंगाल बिहार से बेहतर हैं. इस मामले में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है. उसके बाद क्रमश: ओड़िशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु का स्थान है.

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड इकॉनोमिक रिसर्च (NCAER) ने लैंड रिकॉर्ड और सेवा सूचकांक (N-LRSI 2020) जारी करते हुए कहा कि आंकड़ों से देश में भूमि से जुड़ी प्रशासन व्यवस्था बेहतर होगी. सूचकांक में 60 से 75 अंक हासिल कर मध्यप्रदेश, ओड़िशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु पांच बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हैं.

पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और उत्तर प्रदेश 50 से 60 अंक की श्रेणी में हैं. जो राज्य पिछड़े हैं, उसमें लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, चंडीगढ़, केरल, असम, मणिपुर, दिल्ली और बिहार शामिल हैं. NCAER ने एक बयान में कहा, ‘विभिन्न राज्यों ने पिछले कुछ साल में भूमि रिकॉर्ड डिजिटल रूप से तैयार करने के मामले में उल्लेखनीय काम किया है. ये रिकॉर्ड नागरिकों के लिए उपलब्ध होंगे.’

N-LRSI का मकसद इस मामले में हुई प्रगति का आकलन करना तथा प्रत्येक राज्य में भूमि रिकॉर्ड में सुधार के उपायों की पहचान करना था. आर्थिक शोध संस्थान ने कहा कि आर्थिक वृद्धि और गरीबी उन्मूलन के लिए जमीन की उपलब्धता महत्वपूर्ण है. सरकार, उद्योग और नागरिकों के लिए जरूरी है कि वे संपत्ति का प्रभावी तरीके से उपयोग करें और विवाद कम हों. इसके लिए भेरोसमंद भूमि और संपत्ति रिकॉर्ड तक पहुंच महत्वपूर्ण है.

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