Jharkhand Assembly Election: इस विधानसभा क्षेत्र में BJP को पहली जीत का इंतजार, कांग्रेस और झापा का रहा है दबदबा
झारखंड के कोलिबिरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को अब भी पहली जीत का इंतजार है. अब तक यहां जितने भी चुनाव हुए हैं अधिकतर समय कांग्रेस और झारखंड पार्टी का दबदबा रहा है.
Jharkhand Assembly Election, सिमडेगा : कोलेबिरा विधानसभा में भाजपा को आज तक जीत हासिल नहीं हुई है. कोलेबिरा विधानसभा में शुरू से झाारखंड पार्टी और कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां से एक बार झामुमो ने भी चुनाव जीता है. विधानसभा गठन के बाद यह क्षेत्र झारखंड पार्टी का गढ़ रहा. लेकिन, कालांतर में कांग्रेस ने भी क्षेत्र में अपनी पैठ बना ली. भाजपा हर चुनाव में दूसरे नंबर से आगे बढ़ने में नाकामयाब रही है. राज्य गठन के बाद हुए पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी के थियोडोर किड़ो ने चुनाव जीता था.
2018 उपचुनाव में नमन विक्सल कोंगाड़ी ने फिर दिलायी कांग्रेस को जीत
2005 में झारखंड पार्टी के एनोस एक्का ने थियोडोर किड़ो को हरा कर सीट जीती. 2009 में एनोस एक्का भाजपा के महेंद्र भगत को हरा कर दोबारा विधायक बने. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर रही. 2014 में एनोस एक्का लगातार तीसरी बार विधायक बने. दूसरे नंबर पर भाजपा और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही. एनोस की सदस्यता समाप्त होने के बाद 2018 के उपचुनाव में नमन विक्सल कोंगाड़ी ने सीट पर कांग्रेस का झंडा फिर से गाड़ा. 2019 के चुनाव में भी जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया. कोंगाड़ी दूसरी बार फिर चुने गये. भाजपा को फिर दूसरे नंबर पर ही संतोष करना पड़ा.
जंगली हाथियों से त्रस्त है जनता :
कोलेबिरा विधानसभा में सबसे बड़ी समस्या जंगली हाथियों की है. जंगली हाथियों के कारण कई पंचायतों में किसान धान की फसल नहीं लगा पा रहे हैं. खेती नहीं होने की वजह से किसानों का परिवार महानगरों में पलायन करने पर मजबूर है. क्षेत्र के बानो, जलडेगा, ठेठईटांगर सहित बोलबा प्रखंड के लोग जंगली हाथियों के आतंक से परेशान हैं. जंगली हाथी आये दिन खेतों के अलावा स्थानीय लोगों के घरों को भी क्षतिग्रस्त कर देते हैं. घरों में रखे अनाज हाथियों का निवाला बन जाता है.
मुद्दे
- कोलेबिरा विधानसभा का सबसे बड़ा मुद्दा अनुमंडल बनाने का है. गुजरे डेढ़ दशक से कोलेबिरा के लोग अनुमंडल बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन किसी भी सरकार ने उक्त मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया है.
- इस क्षेत्र के लगभग सभी प्रखंडों के ग्रामीण जंगली हाथी की समस्या से परेशान हैं. विशेषकर बोलबा और जलडेगा प्रखंड में जंगली हाथी बड़ी समस्या है.
- स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने से लोग पलायन को विवश हैं. क्षेत्र में कोई कल-कारखाना नहीं है. रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं हैं.
- इस विधानसभा क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों के दर्जनों गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं है. गांवों में बिजली नहीं है. मरीजों को खटिया पर लाद कर कई किलोमीटर पैदल लेकर लोग अस्पताल पहुंचते हैं.
क्षेत्र में नल-जल योजना फेल है. लोगों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल नहीं मिलता है. ग्रामीण आज भी डाड़ी और चुंआ पर निर्भर हैं.
कुल वोटरों की संख्या
कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्रों में कुल वोटरों की संख्या 2,10,300 है.
धर्म-संप्रदाय से ऊपर उठकर विकास किया : कोंगाड़ी
कोलेबिरा के विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी कहते हैं कि क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए तेजी से विकास कार्य किये गये हैं. जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठ कर विधायक फंड का इस्तेमाल विकास कार्यों में किया. जंगली हाथियों से क्षेत्र के लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए विधानसभा में आवाज उठा कर वन विभाग से काम करा रहा हूं. विधानसभा में कोलेबिरा को अनुमंडल बनने की मांग भी उठायी है. क्षेत्र की जनता और समस्याओं के प्रति पूरी तरह से जवाबदेही के साथ काम कर रहा हूं. जनता की आकांक्षाओं पर पूरी तरह से खरा उतारने का प्रयास किया है.
एक समुदाय को खुश करने का प्रयास : जोजो
पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे भाजपा नेता सुजान जोजो कहते हैं कि कोलेबिरा विधानसभा में गुजरे छह वर्षों में विधायक ने कोई भी विकास का काम नहीं किया गया है. विधानसभा के लोग विभिन्न समस्याओं से त्रस्त हैं. क्षेत्र में विकास के नाम पर केवल एक समुदाय को खुश करने की कोशिश की गयी है. एक समुदाय विशेष के लिए चबूतरा और पीसीसी पथ का निर्माण किया गया है. जल, जंगल और जमीन के नाम पर विधायक लोगो को लड़ाने का काम कर रहे है. चुनाव के समय कई तरह की झूठ और अफवाह फैला लोगों को भ्रमित कर रहे हैं.
क्या कहते हैं लोग
प्रखंड मुख्यालय से 18 किमी की दूरी पर बसे टाटी के गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. सड़क, पानी और बिजली की समस्या आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है. गांव में लगी जलमीनार लोगों को मुंह चिढ़ा रही है. लोग आज भी डाड़ी का पानी पीते हैं.
कोमल सुरीन, टाटी, वार्ड नंबर-8
आजादी के बाद से आज तक आरईओ रोड से गटीगढ़ा बस्ती तक सड़क नहीं बनी. लोगों ने कई बार इसकी शिकायत जनता दरबार से लेकर राजनीति पार्टियों के सदस्यों और चुने हुए प्रतिनिधियों से की. लेकिन आज तक किसी ने भी ग्रामीणों की समस्या को पर ध्यान नहीं दिया. गांव में बिजली भी नहीं है.
संदीप डुंगडुंग, बराईबेडा, लमडेगा पंचायत
पतिअंबा पंचायत की नायक टोली में जाने के लिए आजादी के बाद अब तक सड़क नहीं बनी है. गांव के लोग आज भी पगडंडियों और खेतों के मेड़ पर आते-जाते हैं. बरसात के दिनों में पूरा गांव टापू बन जाता है. बारिश से सारे रास्ते बंद हो जाते हैं. रोड नहीं होने से गांव की ओर कोई भी ध्यान नहीं देता है.
जगदीश साहु, पतिअंबा वार्ड नंबर-4
अब तक हुए विधानसभा चुनावों का परिणाम
विधानसभा चुनाव का वर्ष | विधायक का नाम | पार्टी का नाम |
1952 | एसके बोस | झारखंड पार्टी |
1957 | सुशील बागे | झारखंड पार्टी |
1962 | सुशील बागे | झारखंड पार्टी |
1967 | एनई होरो | निर्दलीय |
1969 | सुशील बागे | निर्दलीय |
1972 | सुशील बागे | जेकेपी |
1977 | बीर सिंह मुंडा | जेकेडी |
1980 | सुशील बागे | कांग्रेस |
1985 | बीर सिंह मुंडा | निर्दलीय |
1990 | थियोडोर किड़ो | कांग्रेस |
1995 | बसंत कुमार लोंगा | झामुमो |
2000 | थियोडोर किड़ो | कांग्रेस |
2005 | एनोस एक्का | झारखंड पार्टी |
2009 | एनोस एक्का | झारखंड पार्टी |
2014 | एनोस एक्का | झारखंड पार्टी |
2018 | नमन विक्सल कोंगाड़ी | कांग्रेस |
2019 | नमन विक्सल कोंगाड़ी | कांग्रेस |
2024 के लोस चुनाव में कोलेबिरा विस क्षेत्र से इन्हें मिले सर्वाधिक मत
प्रत्याशी का नाम | पार्टी का नाम | प्राप्त मत |
कालीचरण मुंडा | कांग्रेस | 80,951 |
अर्जुन मुंडा | भाजपा | 48,401 |
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