24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड की राजनीति में बढ़ रही आधी आबादी की धमक, कहीं बेटी तो कहीं पत्नियां सभांल रही विरासत, जनिए अब तक का इतिहास

झारखंड बनने के बाद वर्ष 2005 में पहली बार चुनाव हुआ. राज्य की 81 सीटों में से तीन पर महिलाओं ने जीत दर्ज की. 2009 में यह संख्या बढ़कर आठ हो गयी, 2014 के चुनाव में भी यह संख्या बढ़कर नौ हो गयी. वहीं, 2019 के चुनाव में झारखंड विधानसभा में आधी आबादी की संख्या दहाई अंक में पहुंच चुकी है.

  • वर्ष 2005 में पहली बार हुए चुनाव में तीन पर महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की
  • 2019 के चुनाव में झारखंड विधानसभा में आधी आबादी की संख्या दहाई में पहुंची

Jharkhand Assembly Election 2024, रांची: झारखंड राज्य गठन के बाद आधी आबादी की भी राजनीति में दखल बढ़ी है. अलग राज्य बनने के बाद हुए चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो यह स्पष्ट होता है कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है. झारखंड बनने के बाद वर्ष 2005 में पहली बार चुनाव हुआ. राज्य की 81 सीटों में से तीन पर महिलाओं ने जीत दर्ज की. 2009 में यह संख्या बढ़कर आठ हो गयी, 2014 के चुनाव में भी यह संख्या बढ़कर नौ हो गयी. वहीं, 2019 के चुनाव में झारखंड विधानसभा में आधी आबादी की संख्या दहाई अंक में पहुंच चुकी है.

वर्तमान में कल्पना सोरेन, दीपिका पांडेय, बेबी देवी, अंबा प्रसाद और शिल्पी नेहा तिर्की सहित कई नाम हैं, जो दल में अपनी दखल के साथ-साथ राज्य की राजनीति को भी प्रभावित कर रही हैं. कुछ महिला विधायकों ने जहां अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया, वहीं, कुछ ने अपने पति के असामयिक निधन के बाद आयी, जिम्मेवारी को निभाते हुए सक्रिय राजनीति में कदम रखा और सफलता भी हासिल की.

निरसा, झारिया और मनोहरपुर में पहली बार महिला विधायक

राज्य गठन के बाद पहली बार 2005 में विधानसभा चुनाव हुआ. आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 81 विधानसभा क्षेत्रों में महिला प्रत्याशियों की संख्या 94 थी. इनमें तीन महिला प्रत्याशी विधायक के रूप में निर्वाचित हुईं. निर्वाचित होनेवाली विधायकों में निरसा से अपर्णा सेनगुप्ता, झरिया से कुंती देवी और मनोहरपुर से जोबा मांझी ने चुनाव जीता था. वहीं, रामगढ़ से नादरा बेगम ने चंद्र प्रकाश चौधरी को कड़ी टक्कर दी थी. इसके अलावा पलामू के छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र से पुष्पा देवी भुइयां ने राधाकृष्ण किशोर को कड़ी टक्कर दी थी.

2009 में आठ महिला विधायक पहुंचीं सदन में

2009 में महिला विधायकों की संख्या बढ़ी. यह संख्या तीन से बढ़कर आठ हो गयी. 2005 के चुनाव की तुलना में महिला प्रत्याशियों की संख्या में भी इजाफा हुआ. आंकड़ों के मुताबिक 2009 में झारखंड में चुनाव लड़नेवाली महिलाओं की संख्या 107 थी, जो 2005 की तुलना में 13 अधिक था. चुनाव में जीत दर्ज करनेवाली महिला प्रत्याशियों में जामा से सीता सोरेन, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, झरिया से कुंती देवी, पोटका से मेनका सरदार, जगन्नाथपुर से गीता कोड़ा, सिसई से गीताश्री उरांव, सिमडेगा से विमला प्रधान और छत्तरपुर से सुधा चौधरी के नाम शामिल हैं. इनमें से सुधा चौधरी, विमला प्रधान और गीता श्री उरांव को अलग-अलग सरकार में मंत्रिमंडल में जगह भी मिली.

2019 में 10 महिलाएं बनीं विधायक

राज्य गठन के बाद 2019 में महिला प्रत्याशियों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा. इस वर्ष हुए चुनाव में राज्य में 10 महिला विधायक चुनकर आयीं. प्रत्याशियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई. आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 127 महिलाओं ने चुनाव लड़ा. चुनाव जीतनेवाली महिलाओं में जामा से सीता सोरेन ने जीत की हैट्रिक लगायी. वहीं, महगामा से दीपिका पांडेय सिंह, कोडरमा से डॉ नीरा यादव, बड़कागांव से अंबा प्रसाद, रामगढ़ से ममता देवी, निरसा से अपर्णा सेनगुप्ता, झरिया से पूर्णिमा नीरज सिंह, इचागढ़ से सबीता महतो, मनोहरपुर से जोबा मांझी और छतरपुर से पुष्पा देवी भुइयां ने जीत दर्ज की.

Read Also: Jharkhand Election: झारखंड के सबसे अमीर प्रत्याशी बाबूलाल के खिलाफ ठोकेंगे ताल, संपत्ति जान कर उड़ जाएंगे होश

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें