Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए निर्वाचन आयोग की टीम झारखंड पहुंच चुकी है. राजधानी रांची में चुनाव आयोग की टीम ने राजनीतिक दलों और एनफोर्समेंट एजेंसीज के साथ बैठक की. राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी मांगें और शिकायतें चुनाव आयुक्त के सामने रखीं.
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चुनाव आयोग ने की बैठक
सोमवार को होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपनी टीम के साथ सभी राजनीतिक दलों की बातों को सुना. उनकी मांगों पर गौर करने का आश्वासन भी दिया. इस दौरान झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने राज्य में 15 नवंबर के बाद विधानसभा चुनाव कराने का सुझाव दिया. साथ ही कहा कि राज्य में कम से कम केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए.
जेएमएम ने कहा- झारखंड में जल्दबाजी में न कराएं चुनाव
जेएमएम के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने निर्वाचन आयोग की टीम से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता ने कहा कि उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से कहा है कि झारखंड सरकार का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक है. इसलिए चुनाव की अभी कोई हड़बड़ी नहीं है. झारखंड में अक्टूबर-नवंबर में कई पर्व-त्योहार हैं. उसको देखते हुए झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तारीख 15 नवंबर के बाद तय की जाए.
15 नवंबर के बाद हो झारखंड विधानसभा चुनाव 2024
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकारों को बताया कि अक्टूबर में दुर्गा पूजा है. फिर नवंबर में दीपावली और छठ महापर्व होंगे. इसके बाद 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है. झारखंड स्थापना दिवस है. कार्तिक पूर्णिमा है. इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए चुनाव का तारीख तय की जाए, क्योंकि पर्व-त्योहार के दौरान काफी संख्या में लोग झारखंड से बाहर चले जाते हैं.
सेंट्रल फोर्सेज की कम से कम तैनाती की जाए – सुप्रियो भट्टाचार्य
झामुमो के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि उन्होंने चुनाव आयुक्त से कहा कि झारखंड की भौगोलिक स्थिति अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग है. पहाड़ पर और जंगल में लोग रहते हैं. ऐसे गांवों में सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती न्यूनतम होनी चाहिए. अगर जरूरी हो, तो सेंट्रल फोर्सेज के साथ-साथ स्थानीय पुलिसकर्मियों को भी उनके साथ रखा जाए.
चुनाव के दौरान हेट स्पीच पर रोक लगाए चुनाव आयोग
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में धर्म, जाति और संप्रदाय के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की कोशिश हो रही है. इस पर रोक लगनी चाहिए. हेट स्पीच पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि जेएमएम ने जो विचार रखे हैं और जो मांगें रखीं हैं, उन सब पर विचार किया जाएगा.
कांग्रेस ने भी 15 नवंबर के बाद चुनाव की मांग की
जेएमएम की तरह कांग्रेस पार्टी ने भी 15 नवंबर के बाद ही चुनाव कराने और हेट स्पीच पर रोक लगाने की मांग की है. कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि ने चुनाव आयुक्त से कहा है कि उन्मादी भाषण देने वाले बीजेपी के नेताओं के चुनाव के दौरान झारखंड में आने पर रोक लगाई जाए. वहीं, राजद नेता ने भी अपनी मांगें चुनाव आयुक्त के समक्ष रखी.
बीजेपी ने उठाया बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोटर बनने का मुद्दा
झारखंड की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि फर्जी आधार कार्ड के आधार पर बांग्लादेशी घुसपैठियों ने मतदाता पहचान पत्र बनवा लिए हैं. उनके आधार कार्ड की जांच होनी चाहिए. साथ ही ऐसी व्यवस्था बननी चाहिए कि फर्जी आधार कार्ड का पता लगाया जा सके.
आयोग से बीजेपी ने कम चरणों में चुनाव कराने का किया आग्रह
बीजेपी के रमेश प्रसाद ने कहा कि झारखंड के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर घुसपैठिये मतदाता बन गए हैं. आमतौर पर हर साल 3 से सवा 3 प्रतिशत मतदाता बढ़ते हैं, इस हिसाब से 15 से 17 प्रतिशत मतदाता 5 साल में बढ़ना चाहिए. लेकिन, कई हजार ऐसे मतदान केंद्र हैं, जहां मतदाताओं की संख्या में 123 प्रतिशत तक की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि कम चरणों में झारखंड में चुनाव होने चाहिए. साथ ही कहा कि दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ महापर्व को देखते हुए चुनाव की तारीख तय करने का भी आग्रह बीजेपी ने किया है.
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