मनोहरपुर, राधेश सिंह राज : मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र की जमीन आंदोलकारी, जुझारू और संघर्षशील नेता रहे देवेंद्र माझी (अब स्वर्गीय) ने तैयार की थी. वह कोल्हान के जाने-माने नेता थे. वे 1980 में चक्रधरपुर और 1985 में मनोहरपुर से चुनाव जीते थे. उन्होंने लोकसभा के लिए भी भाग्य आजमाया था. मगर जीत नहीं पाये थे. 14 अक्तूबर 1994 को उनकी हत्या कर दी गयी थी. उनकी हत्या के बाद पत्नी जोबा माझी ने उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया. इस सीट पर मजबूत पकड़ बनायी
जोबा माझी मनोहरपुर से पांच बार जीती चुनाव
जोबा माझी इस सीट से पांच बार चुनाव जीती है. उन्होंने मनोहरपुर विस सीट से पहली बार 1995 में जीत हासिल की थी. वह निर्दलीय चुनाव जीती थीं. उन्होंने कांग्रेस के गुरु चरण नायक को हराया था. जोबा ने सन 2000 में यूनाइटेड गोआन्स डेमोक्रेटिक पार्टी (यूजीडीपी) के टिकट पर भाग्य आजमाया था और 29,607 मत प्राप्त कर दूसरी बार बिहार विधानसभा पहुंची थीं. तब भाजपा प्रत्याशी शिवा बोदरा को 20,572 मत प्राप्त हुए थे. 2005 में भाजपा प्रत्याशी गुरुचरण नायक ने अपनी उपस्थिति से जोबा को सकते में डाल दिया था. हालांकि, जोबा (यूजीडीपी) महज 1597 वोट से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंची थीं.
जोबा को 2009 में हार का देखना पड़ा था मुंह
2009 में झामुमो प्रत्याशी नवमी उरांव की दमदार इंट्री के बाद जोबा माझी को हार का मुंह देखना पड़ा. इसका फायदा भाजपा प्रत्याशी गुरुचरण नायक को मिला. उन्होंने जोबा माझी को 6270 वोट से हराया था. वहीं, 2014 के चुनाव में जोबा माझी (झारखंड मुक्ति मोर्चा) ने हार का बदला ले लिया. उन्होंने श्री नायक को 16,569 वोट से हरा दिया. वर्ष 2019 के चुनाव में झामुमो की जोबा माझी ने फिर भाजपा के गुरुचरण नायक को 16019 वोटों से हराया था. वर्तमान में विधायक जोबा माझी सिंहभूम की सांसद चुन ली गयी हैं. चुनाव में जोबा के बड़े पुत्र जगत माझी पार्टी प्रत्याशी के रूप में मैदान में हो सकते हैं.
बंद खदान खुलवाना व रोजगार है अहम मुद्दा
मनोहरपुर को अनुमंडल बनाना, चिड़िया माइंस की बंद खदानों को चालू कराना, रोजगार का सृजन, मौलिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना और खेतों के लिए सिंचाई की व्यवस्था कराना मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र का मुख्य मुद्दा है. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है. मनोहरपुर विधानसभा में सोनुवा, गोइलकेरा, गुदड़ी, मनोहरपुर व आनंदपुर प्रखंड पड़ता है. यह इलाका सारंडा व पोड़ाहाट जंगल क्षेत्र में आता है. एशिया की दूसरी सबसे बड़ी लौह अयस्क खदान चिड़िया माइंस मनोहरपुर में है. इसकी पांच में से महज एक धोबिल खदान का संचालन किया जा रहा है. बाकी खदानें बंद हैं. फलत: बेरोजगारी चरम पर है. रोजगार के लिए लोग पलायन को मजबूर हैं. गरीबी और अशिक्षा के कारण यहां की बच्चियां ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार बनती रही हैं. मनोहरपुर में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए डिग्री कॉलेज के अलावा दो कॉलेज हैं. बालिकाओं के लिए महिला महाविद्यालय की स्थापना की मांग उठती रही है. स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा के शिक्षक नहीं हैं. इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. यहां के अस्पताल में ब्लड स्टोरेज के लिए सेंटर तो बना है, पर यहां ब्लड बैंक नहीं है. इसकी स्थापना की मांग भी उठती रही है. मनोहरपुर सीएचसी में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं है. आइसीयू की व्यवस्था नहीं है. स्वास्थ्य उपकेंद्र भी किसी तरह चल रहा है. यही कारण है कि यहां के अधिकांश लोग इलाज के रांची और राउरकेला जाते हैं.
रेलवे क्रॉसिंग बंद रहने से होती है परेशानी
कोलेबिरा-हाटगम्हरिया मुख्य सड़क पर पड़ने वाले रेलवे क्राॅसिंग पर आरओबी बनाने की मांग काफी पुरानी है. यह क्रॉसिंग हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर है. लौह अयस्क के लोडिंग प्वाइंट के कारण रेलवे क्रॉसिंग काफी समय तक बंद रहता है. इस कारण वाहनों के अलावा आपातकालीन सेवाएं प्रभावित होती हैं.
जंगल में रहनेवालों को वनाधिकार का पट्टा दिलाया
मनोहरपुर की विधायक जोबा माझी अब सांसद चुनी जा चुकी हैं. उनका कहना है कि जल, जंगल, जमीन की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता है. हम इसी पर कायम हैं. जंगल में रहने वालों को वनाधिकार का पट्टा दिलाया है. वनाधिकार कानून में जो संशोधन किया गया है, उसका हम विरोध करेंगे. देवेंद्र माझी के सपनों को साकार करना है. इस विधानसभा क्षेत्र में विकास के कई कार्य हुए हैं. पिछले कुछ वर्षों में दुर्गम गांव को सड़क मार्ग से जोड़ा गया. कई गांवों में पुल-पुलिया का निर्माण हुआ. गुदड़ी व गोइलकेरा प्रखंड को आनंदपुर से जोड़ने के लिए कोयल नदी में उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. गुदड़ी प्रखंड की कारो नदी में पुल का निर्माण हुआ है. क्षेत्र की समस्या दूर करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है.
केवल बालू माफिया का विकास हुआ है : गुरुचरण
2019 के विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी गुरुचरण नायक कहते हैं कि मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र में केवल बालू माफिया का ही विकास हुआ है. माफिया रात में बालू का उठाव कर रहे हैं. पुलिस-प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. झारखंड सरकार आबुआ आवास तो दे रही है, लेकिन मनोहरपुर में बालू ही नहीं बचा है, तो मकान कैसे बनेगा. मेरे कार्यकाल (2009 से 2014) में डिग्री कॉलेज, अस्पताल और स्कूल बने थे. उसका केवल फीता काटने का काम मंत्री जोबा माझी ने किया. उन्होंने मनोहरपुर में एक भी नया काम नहीं किया. पिछले पांच वर्षों में केवल लूट हुई है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र की अधिकतर आबादी गांव में बसती है. मगर गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. इस कारण बीमार, गर्भवती व वृद्ध को खटिया से लाना पड़ता है. गांव हो या शहर, हर जगह पेयजल की समस्या है. अगर कोयल नदी से पेयजल की आपूर्ति की जाती, तो जल संकट से छुटकारा मिल सकता था.
लोकनाथ नाग, सेवानिवृत्त शिक्षक, आनंदपुर
बीते तीन विधानसभा चुनाव के नतीजे
विधानसभा चुनाव 2009
उम्मीदवार | मिले मत | पार्टी |
गुरुचरण नायक | 27,360 | भाजपा |
नवमी उरांव | 21,090 | झामुमो |
विधानसभा चुनाव 2014
उम्मीदवार | मिले मत | पार्टी |
जोबा माझी | 57,558 | झामुमो |
गुरुचरण नायक | 40,989 | भाजपा |
विधानसभा चुनाव 2019
उम्मीदवार | मिले मत | पार्टी |
जोबा माझी | 50,945 | झामुमो |
गुरुचरण नायक | 34,926 | भाजपा |