ओल्ड इज गोल्ड, जानिए झारखंड में अब तक 60 वर्ष से अधिक आयु वाले कितने उम्मीदवार हुए सफल
Jharkhand Assembly Election 2024: 2005 के चुनाव में राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु के 18 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था. इनमें से पांच को जीत मिली थी
- 2005 में 60 वर्ष से अधिक आयु के 18 लोग चुनाव लड़े थे, इनमें से पांच को जीत मिली थी
- अलग हुए झारखंड राज्य में डॉ विशेश्वर खां ने 83 वर्ष की आयु में लड़ा था अंतिम चुनाव
- 2009 में 60 से अधिक आयु वर्ग के 20 प्रत्याशी ने लड़ा था चुनाव, आठ को मिली थी जीत
- 2014 में 60 से अधिक उम्र के 20 प्रत्याशी ने लड़ा चुनाव, 10 को मिली जीत व 10 हार गये
- 2019 में 60 से अधिक उम्र के सर्वाधिक 27 प्रत्याशी चुनाव लड़े, 17 पर जनता ने जताया भरोसा
Jharkhand Assembly Election 2024|रांची: झारखंड राज्य गठन के बाद हुए विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने जहां युवा नेतृत्व को धार दी. वहीं, अनुभव पर भी भरोसा जताया. आंकड़ों पर गौर करें तो 2005 के चुनाव में राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु के 18 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था. इनमें से पांच को जीत मिली थी.
60 वर्ष से अधिक उम्र वाले जिन उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी, उसमें प्रमुख नाम कड़िया मुंडा, इंदर सिंह नामधारी और लोकनाथ महतो के हैं. वहीं, इस आयु वर्ग के कई बड़े चेहरे 2005 में चुनाव हार गये थे. इनमें राजेंद्र प्रसाद सिंह, यमुना सिंह व समरेश सिंह (तीनों दिवंगत) के नाम शामिल हैं. 2005 के चुनाव में कड़िया मुंडा व हारु राजवार सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार थे. दोनों की उम्र 68 वर्ष थी और दोनों चुनाव जीते थे. वहीं, सर्वाधिक उम्र के उम्मीदवार डॉ विशेश्वर खां (83 वर्ष) थे. हालांकि, वह चुनाव हार गये थे.
वर्ष 2009 में समरेश व राजेंद्र सिंह ने की थी वापसी
वर्ष 2009 के चुनाव में भी मतदाताओं ने अनुभव पर भरोसा जताया था. 2005 की तुलना में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नेताओं की तादाद झारखंड विधानसभा में बढ़ी थी. 2005 में जहां यह संख्या पांच थी, वह 2009 में बढ़कर आठ हो गयी थी. इस चुनाव में राजेंद्र सिंह और समरेश सिंह ने वापसी की थी.
राजेंद्र सिंह बेरमो व समरेश सिंह बोकारो से चुनाव जीते थे. वहीं, पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी ने 63 वर्ष की उम्र में 2007 में विधानसभा उप चुनाव में जीत दर्ज की थी. 2009 में वह चतरा सांसद बन गये थे. 60 वर्ष से अधिक उम्र के जो उम्मीदवार चुनाव जीते थे, उसमें सिमोन मरांडी (61), नलिन सोरेन (61), फूलचंद मंडल (66), मन्नान मल्लिक (64), सावना लकड़ा (69) और चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे (66) शामिल थे.
वर्ष 2014 में फूलचंद मंडल थे सबसे अधिक उम्र के विजेता प्रत्याशी
2014 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक उम्र के विजेता प्रत्याशी फूलचंद मंडल (71 वर्ष) थे. वहीं, 60 से अधिक उम्र में चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों में सरयू राय (63), रामचंद्र चंद्रवंशी (68), राज किशोर महतो (68), योगेश्वर महतो (60), आलमगीर आलम (60), स्टीफन मरांडी (61), नलिन सोरेन (66), नरेंद्र महतो (63) और निर्भय कुमार शाहाबादी (63) के नाम शामिल हैं.
इस चुनाव में 20 प्रमुख उम्मीदवार ऐसे थे, जो 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे. इसमें से 10 चुनाव जीते और 10 हार गये थे. चुनाव हारने वालों में हाजी हुसैन अंसारी (66), लाल चंद महतो (62), माधव लाल सिंह (62), राजेंद्र प्रसाद सिंह (68), समरेश सिंह (73) आदि शामिल थे.
वर्ष 2019 में 60 वर्ष से अधिक उम्र के 17 लोग जीते
वर्ष 2019 में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सर्वाधिक 27 लोग चुनाव लड़े थे. इनमें से 17 जीत कर आये. चुनाव जीतने वाले प्रमुख नामों में राजेंद्र प्रसाद सिंह (73), रामचंद्र चंद्रवंशी (72), डॉ रामेश्वर उरांव (72), नलिन सोरेन (71), हाजी हुसैन अंसारी (70), आलमगीर आलम (69), सरयू राय (68), लोबिन हेम्ब्रम (68), डॉ सरफराज अहमद (66), स्टीफन मरांडी (66), चंपाई सोरेन (63), सीपी सिंह (63), उमाशंकर अकेला (61), बाबूलाल मरांडी (61), डॉ रबींद्र नाथ महतो (60) और कमलेश कुमार सिंह (60) शामिल थे.