Jharkhand Assembly Election, रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन और एनडीए में ज्यादातर सीटों पर सीधी लड़ाई है. चुनाव में विरोधी एक-दूसरे के खिलाफ मुद्दों के कांटे बिछा रहे हैं. चुनावी रास्ते में मुद्दों को दीवार बनाकर रोकने की तैयारी है. इस चुनाव में आधी आबादी सभी दलों के केंद्र में है. इनके मुद्दे छाये हुए हैं. इंडिया गठबंधन ‘मंईयां सम्मान योजना’ को लेकर आगे बढ़ा है, तो भाजपा ने ‘गोगो दीदी योजना’ का पासा फेंका है. वोटरों की गोलबंदी का प्रयास हो रहा है. चुनाव की पिच पर मंईयां योजना के साथ-साथ बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा है.
बीजेपी और झामुमो का प्रयास अपने अपने पिच एक दूसरे को खेलाएं
इस बार कभी भाजपा, झामुमो और कांग्रेस को अपने पिच पर खेला रही है, तो कभी झामुमो का प्रयास है कि वह अपने मुद्दों की जाल में एनडीए को फंसा ले. भाजपा की ओर से स्टार कैंपेनर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपीए के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा से लेकर प्रदेश को नेताओं ने बांग्लादेशी घुसपैठ मुद्दे से चुनावी धार को मोड़ने की भरपूर कोशिश की है.
हेमंत और कल्पना सरकार की योजनाओं को लेकर आगे बढ़ रहे
वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन सरकार की योजनाओं को लेकर आगे बढ़ रही हैं. विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन और एनडीए दोनों की नजर ओबीसी वोट बैंक पर है. दोनों ही गठबंधन ने 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है. गठबंधन ने कहा है कि झारखंड में आरक्षण की सीमा बढ़ायी जायेगी.
इंडिया गठबंधन ने सरना धर्म कोड को बनाया मुद्दा
इंडिया गठबंधन ने सरना धर्म कोड को मुद्दा बनाया है. घुसपैठ के मुद्दे को केंद्र सरकार की ओर मोड़ने और लोगों को समझाने का प्रयास इंडिया गठबंधन कर रहा है. बहरहाल, विधानसभा चुनाव इन मुद्दों के इर्द-गिर्द की घूम रहा है. मुद्दों की सवारी कर रहे पार्टियों का नफा-नुकसान चुनाव परिणाम ही बतायेगा.
आरक्षण के मुद्दे का पीएम ने जमकर किया काउंटर
पिछले लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने आरक्षण को मुद्दा बनाया था. इंडिया गठबंधन ने यह नैरेटिव चलाया कि भाजपा की सरकार आयेगी, तो आरक्षण खत्म कर देगी. भाजपा इस मुद्दे को सेफ ही करती रही. कहीं-कहीं इंडिया गठबंधन को इसका फायदा मिलने की बात भी कही जा रही है. इधर भाजपा ने इस बार रणनीति अपनायी है कि इसका जोरदार काउंटर करना है. चाईबासा की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को ही घेरा. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस शुरू से आरक्षण के विरोध में रही है. आदिवासियों का आरक्षण खत्म कर ये अपने वोट बैंक को देंगे.