Jharkhand Assembly Election: नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने शनिवार को प्रदेश कार्यालय रांची में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान झारखंड सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर कड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है. राज्य सरकार कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की बजाय तुष्टिकरण की राजनीति को धार देने में जुटी है.
तीनों हत्याएं सामान्य नहीं- बाउरी
बाउरी ने कहा कि आज सुबह जैसे ही हम लोगों की नींद खुली सोशल मीडिया के माध्यम से हम सबको पता चला कि दारोगा अनुपम कच्छप को गोली मारकर हत्या कर दी गई है. कल जब विधानसभा का सत्र चल रहा था उसी समय सूचना आई कि अधिवक्ता गोपी कृष्णा को उनके मोहल्ले में चाकू गोदकर मार दिया गया है.
इलाज के दौरान निधन
साथ ही, आज थोड़ा दिन और गुजरा तो एक और दुखदाई खबर आई मिली कि धुर्वा के पूर्व पार्षद जिन्हें पूर्व में अपराधियों ने गोली मार दिया था उनका निधन दिल्ली में इलाज के दौरान हो गया। यह तीनों हत्याएं कोई आम और सामान्य नहीं है.
झारखंड सरकार में आम आदमी का मोल नहीं – बाउरी
जहां तक आम नागरिकों की बात है तो जेएमएम कांग्रेस सरकार में इनका तो कोई मोल ही नहीं है, यह सरकार आम आदमी को कीड़े मकोड़े से अधिक नहीं समझती.
अपने क्षेत्र के नामचीन थे मृतक
बाउरी ने आगे कहा कि जिन तीनों लोगों की हत्या हुई है यह अपने-अपने क्षेत्र के नामचीन थे. एक सरकार का वर्दी पहना हुआ दारोगा, दूसरा कानून की रक्षा करने वाला अधिवक्ता और तीसरा एक जनप्रतिनिधि थे.
झूठे घोषणा पढ़ती रही सरकार- बाउरी
लगातार इस प्रकार की घटना हो रही है और राज्य सरकार विधानसभा के फ्लोर पर झूठे वादों और घोषणाओं को साबित करने में केवल कसीदे पढ़ती रही लेकिन राज्य की लचर कानून व्यवस्था पर एक शब्द भी नहीं बोलना शर्मनाक है.
घटनाओं को मिल रहा है संरक्षण
मुख्यमंत्री द्वारा पांचवें विधानसभा के आखिरी सत्र में फिर कई झूठे वादों की झड़ी लगाई गई. लेकिन कानून व्यवस्था पर सरकार की चुप्पी साफ बतलाती है कि सारी घटनाएं राज्य सरकार के संरक्षण में घटित हो रही है.
7000 दुष्कर्म और प्रतिदिन पांच हत्याएं
साथ ही, बाउरी ने कहा कि अब तक 7000 दुष्कर्म की घटनाएं हो चुकी हैं. प्रदेश में प्रतिदिन पांच हत्याएं हो रही हैं. ये पीड़ित लोग कौन है? ये लोग राज्य के आदिवासी, दलित और मूलवासी ही हैं. यहां कानून व्यवस्था की पूरी तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है.
छात्रों को पिटवाया जा रहा
उन्होंने आगे कहा कि, पुलिस से आदिवासी संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं व छात्रों को पिटवाया जा रहा है, क्योंकि घुसपैठियों को और भी प्रबल सुरक्षा देना है. इनको तुष्टीकरण की राजनीति को और भी धार देनी है इसलिए झारखंड के पूरे कानून व्यवस्था को ताक पर रख दिया गया है.
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लोग कर रहे सरकार के जाने की प्रार्थना
इसके अलावा स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि अब लोग कहने लगे हैं कि इस अत्याचारी और भ्रष्टाचारी सरकार से कैसे उनका और उनके प्रियजनों का जीवन सुरक्षित बच जाए. झारखंड के लोग दिन रात प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी तरह इस सरकार के महीने दो महीने का बचा कार्यकाल निकल जाए और यह सरकार यहां से चली जाए.
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सरकार को उखाड़ फेंकना ही चाहती है जनता
बाउरी ने कहा कि जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकना ही चाहती है. जितनी जल्दी इस सरकार से मुक्ति मिल जाए उतना ही भला झारखंड का और झारखंडवासियों का होगा.
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