बरही विधानसभा क्षेत्र में 24 साल से आमने-सामने हैं दो यादव नेता, 34 साल हो गये अनुमंडल बने, लेकिन कई समस्याएं बरकरार
वर्ष 1990 में सीपीआइ के रामलखन सिंह विधायक बने. पर वर्ष 1995 के चुनाव में रामलखन सिंह को कांग्रेस के मनोज यादव ने हरा दिया. मनोज यादव चार टर्म यानी बीस साल बरही से कांग्रेस के विधायक रहे हैं.
जावेद इस्लाम, बरही : बरही विधानसभा क्षेत्र हजारीबाग जिले की एक सामान्य सीट है. 1952 में यहां के पहले विधायक रामेश्वर महथा बने थे. इस विधानसभा सीट पर रामगढ़ राजघराने की पार्टी का प्रभाव हुआ करता था. 1967 व 1969 में कुंवर इंद्रजीतेंद्र नारायण सिंह व 1977 में राजमाता ललिता राजलक्ष्मी ने प्रतिनिधित्व किया था. राजपरिवार के राजनीतिक पराभव के बाद कांग्रेस का प्रभाव बढ़ा.
2014 में मनोज यादव ने जीत हासिल की थी
कांग्रेस के निरंजन सिंह वर्ष 1980 व 1985 में विधायक रहे. वर्ष 1990 में सीपीआइ के रामलखन सिंह विधायक बने. पर वर्ष 1995 के चुनाव में रामलखन सिंह को कांग्रेस के मनोज यादव ने हरा दिया. मनोज यादव चार टर्म यानी बीस साल बरही से कांग्रेस के विधायक रहे हैं. वर्ष 1995 के अलावा वर्ष 2000, वर्ष 2005 में वे विधायक चुने गये. वर्ष 2009 में वे भाजपा उम्मीदवार उमाशंकर अकेला यादव से चुनाव हार गये थे. लेकिन वर्ष 2014 में मनोज यादव ने भाजपा विधायक अकेला यादव को हरा दिया. इसके बाद मनोज यादव दल-बदल कर खुद भाजपा में चले गये. उधर, उमाशंकर अकेला भी पाला बदल कर भाजपा से कांग्रेस में आ गये.
2019 में उमाशंकर अकेला कांग्रेस की टिकट पर की थी जीत दर्ज
2019 के चुनाव में दोनों एक बार फिर आमने-सामने थे. जिसमें भाजपा उम्मीदवार के रूप में मनोज यादव की हार हुई व उमाशंकर अकेला कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधायक बने. बरही सीट पर फिर से कांग्रेस का कब्ज़ा हुआ. अभी कांग्रेस के उमाशंकर अकेला ही विधायक हैं. पिछले 24 वर्षों से यहां की चुनावी राजनीति इन्हीं दोनों चरम प्रतिद्वंद्वी यादव नेताओ के इर्द-गिर्द केंद्रित है. टसल-टकराहट होती रहती है. यहां यादव, मुस्लिम व दलित मतदाताओं की निर्णायक संख्या है. संवेदनशील विधानसभा क्षेत्र है, जिसका पश्चिमी-उत्तर भाग बिहार की सीमा से लगा है.
विकास किया, जनता के लिए सुलभ रहे : अकेला
विधायक उमाशंकर अकेला यादव का दावा है पिछले पांच वर्षों में जितना विकास हुआ, इतना कभी नहीं हुआ था. विधायक मद से पांच सौ योजनाओं को जमीन पर उतारा. एक सौ ग्रामीण पथ, 30 पुल-पुलिया, हजारों मीटर पीसीसी पथ, 320 चापानल, 25 डीप बोरिंग, 30 तालाबों का गहरीकरण, स्कूल भवन, चहारदीवारी, आंगनबाड़ी का सुंदरीकरण किया. कारीमाटी नल जल योजना पूर्ण होने को है. बरही जलापूर्ति योजना के लिए 10 करोड़ का आवंटन लाया. नयी टांड़ से बांझएडीह प्लांट तक 10 किमी पथ चौड़ीकरण, बराकर नदी पर करगाइयो में व गौरिया-हजारी धमना के बीच बड़े-बड़े पुल बन रहे हैं. लराही पुल का निर्माण कराया. इसके अलावा भी कई काम हुए व हो रहे हैं.
विकास का दावा खोखला है : मनोज यादव
पूर्व विधायक मनोज यादव ने विकास के दावे को सिरे से नकार दिया. कहा, विकास के खोखले दावे से जनता का भला नहीं हुआ. योजनाओं में लूट व कमीशनखोरी का आलम है. दाखिल खारिज में घूस लिये जा रहे. बिना घूस दिये जनता का कोई काम नहीं होता. हर विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. जनता की दुर्गति हो गयी. लोग त्रस्त हैं. विधायक पुत्र भी दो नंबर का काम करने वालों का समर्थन करते हैं.
लोगों को शिक्षण संस्थान और मेडिकल की सुविधा मिले
बरही व्यवसायी संघ के अध्यक्ष कपिल प्रसाद केसरी का कहना है कि राजनीति को विकास केंद्रित बनाना चाहिए. यहां विकास की अपार संभावनाएं हैं. बरही को व्यावसायिक नगरी बनायी जा सकती है. जवार घाटी को पर्यटन स्थल में विकसित किया जाये, तो सरकार को राजस्व व बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. यहां अच्छे शिक्षण संस्थान व बेहतर मेडिकल सुविधा की सख्त जरूरत है. बरही में नगरपालिका होना चाहिए. सियासत को व्यक्तिवाद से हटा कर विकासवाद पर केंद्रित किया जाना चाहिए.
कपिल प्रसाद केसरी
मुद्दे
बरही को 1990 में अनुमंडल बनाया गया था. 34 वर्ष हो गये, पर अभी तक यहां ज्यूडिशियरी नहीं आयी है. न्यायिक मुकदमों के लिए अब भी लोगों को हजारीबाग जाना पड़ता है. डीवीसी तिलैया डैम परियोजना के विस्थापित 56 गांवों के रैयतों को पुनर्वास में मिली भूमि का लगान रशीद नहीं कट रहा है. बरही ग्रामीण जलापूर्ति योजना 17-18 वर्षों के बाद भी पूर्ण नहीं हो पायी है. महिला कॉलेज नहीं है. जिआडा के उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों को काम नहीं मिल रहा है. 16 हजार मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली उल्ट मेगा पावर प्लांट परियोजना नहीं लग पायी. एशिया का सबसे बड़ा गौरिया करमा पशु प्रक्षेत्र मरणासन्न है. पूर्वी भारत का सबसे बड़ा कृषि अनुसंधान संस्थान आइएआरए पूर्ण नहीं हो पाया है.
बरही चौक पर जाम व अतिक्रमण की समस्या का स्थायी रूप से समाधान होना चाहिए. यह परेशानी का सबब बन गया है.
विजय साहू, व्यवसायी
तिलैया डैम के निर्माण में विस्थापित हुए बरही के 56 गांव के खेतों में डैम के पानी से सिंचाई की व्यवस्था हो.
मो क्यूम, सामाजिक कार्यकर्ता
स्टेडियम के अभाव से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने में भारी परेशानी हो रही है.
वर्षा कुमारी, क्रिकेट खिलाड़ी
प्रत्याशी | पार्टी/दल | मिले मत |
मनीष जायसवाल | भाजपा | 133167 |
जेपी पटेल | कांग्रेस | 51988 |
विधानसभा चुनाव साल 2019
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
उमाशंकर अकेला | कांग्रेस | 84,358 |
मनोज यादव | भाजपा | 72,987 |
विधानसभा चुनाव साल 2014
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
मनोज यादव | कांग्रेस | 57,818 |
उमाशंकर अकेला | भाजपा | 50,733 |
विधानसभा चुनाव साल 2009
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
उमाशंकर अकेला | भाजपा | 60,044 |
मनोज यादव | कांग्रेस | 51,959 |
कब | कौन विधायक |
वर्ष | विधायक |
1952 | रामेश्वर प्रसाद महथा |
1957 | रामेश्वर प्रसाद महथा |
1962 | कामाख्या नारायण सिंह |
1967 | कुंवर द्रजीतेंद्र नारायण सिंह |
1969 | कुंवर द्रजीतेंद्र नारायण सिंह |
1972 | रामेश्वर प्रसाद महथा |
1977 | राजमाता ललिता राजलक्ष्मी |
1980 | निरंजन सिंह |
1985 | निरंजन सिंह |
1990 | रामलखन सिंह |
1995 | मनोज कुमार यादव |
2000 | मनोज कुमार यादव |
2005 | मनोज कुमार यादव |
2009 | उमाशंकर अकेला यादव |
2014 | मनोज कुमार यादव |
2019 | उमाशंकर अकेला यादव |