रांची : कांग्रेस अगस्त के आखिरी सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में झारखंड में रैली करेगी. कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व ने देश के चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रैली करने का फैसला लिया है. इसकी शुरुआत महाराष्ट्र से होगी. इसके बाद झारखंड में बड़ी रैली करने की योजना बनायी गयी है. कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी से आग्रह किया है कि जल्द ही झारखंड से अभियान की शुरुआत करें. उन्होंने अगस्त के अंतिम सप्ताह में आमंत्रित किया. मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री खरगे, राष्ट्रीय नेता श्री गांधी सहित आला नेताओं ने देशभर के राज्यों के प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक की. इस बैठक में कांग्रेस ने भावी कार्यक्रम की रूपरेखा बनायी.
22 अगस्त से कांग्रेस कर सकती है देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत
प्रदेश अध्यक्ष से सांगठनिक स्थिति की जानकारी ली. बैठक में झारखंड से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर शामिल हुए. बैठक में अडानी और सेबी के बीच संबंध की जांच जेपीसी से कराने, संविधान की रक्षा, जातीय जनगणना और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें सभी राज्यों की भागीदारी होगी. 22 अगस्त से कांग्रेस देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत कर सकती है. बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि हम सत्ता में नहीं आ पाये, यह अलग बात है, लेकिन भाजपा जीत कर भी हार गयी है. सदन में हम बड़ी मजबूती के साथ मुद्दे उठा रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि सदन से सड़क तक सरकार को घेरेंगे.
मल्लिकार्जुन खरगे बोले- संविधान की लड़ाई को बढ़ाना है आगे
आने वाले दिनों में पूरी ताकत लगाना है. जनता के बीच में हम मुद्दों को लेकर जायेंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संविधान की लड़ाई को आगे बढ़ाना है. लोकसभा चुनाव में जनता के बीच संदेश गया है. इसकी रक्षा के लिए कांग्रेस को पूरी ताकत से लगना है. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष श्री ठाकुर ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा से झारखंड के आम जनमानस के बीच में एक अमिट विश्वास उत्पन्न हुआ है. इसका फल हमें लोकसभा चुनाव में मिला है. केंद्रीय नेतृत्व के दिशा-निर्देश के अनुसार आगे भी जन मुद्दों को लेकर कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर संघर्ष जारी रहेगा. बैठक में केंद्र सरकार से बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने का आह्वान भी किया गया. बैठक में केंद्रीय नेता अजय माकन, केसी वेणुगोपाल, सचिन पायलट सहित कई नेता मौजूद थे.
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