झारखंड विधानसभा के कर्मियों के लिए खुशखबरी, 9 साल बाद प्रोन्नति का रास्ता साफ, इस दिन होगी परीक्षा
परीक्षा में सफल कर्मियों को कनीय लिपिक, कनीय सचिवालय सहायक और सुरक्षा प्रहरी में प्रोन्नत किया जायेगा. झारखंड विधानसभा में 9 साल किसी पद में प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू हुई है.
विधानसभा में कार्यरत चतुर्थ वर्गीय (फोर्थ ग्रेड) कर्मियों की प्रोन्नति का रास्ता खोला गया है. प्रोन्नति को लेकर विधानसभा सचिवालय 23 अप्रैल को समिति प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया है. इस परीक्षा में सफल कर्मियों को कनीय लिपिक, कनीय सचिवालय सहायक और सुरक्षा प्रहरी में प्रोन्नत किया जायेगा. विधानसभा में नौ वर्षों बाद किसी पद में प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू की गयी है.
इससे पूर्व वर्ष 2014 में तत्कालीन स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता के कार्यकाल में कई पदों पर प्रोन्नति दी गयी थी. इसमें सहायक से लेकर सचिव स्तर के पद पर प्रोन्नति हुई थी. इधर विधानसभा में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों से समिति ने परीक्षा में शामिल होने के आवेदन मांगा है.
इस परीक्षा में अनुसेवक, पुस्तकालय अनुचर, दरबान, फर्राश, जमादार, कुक, ट्रेजरी सरकार, दफ्तरी और अभिलेखवाहक शामिल हो सकते हैं. परीक्षा राजधानी के केराली स्कूल में आयोजित होगी. 100 अंकों की परीक्षा में 40 अंक न्यूनतम अर्हता होगी. प्रोन्नति मेघा सूची और आरक्षण के प्रावधान के अनुरूप होगा. वहीं सुरक्षा प्रहरी के लिए शारीरिक मापदंड के आधार पर प्रोन्नति दी जायेगी. सहायक के 100 पदों में 74 कार्यरत हैं. शेष 26 पद का आधा प्रमोशन से भरा जाना है. वहीं एलडीसी के लगभग 13 पद रिक्त हैं. इसमें 50 प्रतिशत पद अनुसेवक संवर्ग से भरा जायेगा.
विधानसभा में प्रोन्नति घोटाले की भी हुई है जांच
विधानसभा में नियुक्ति और प्रोन्नति घोटाले की पहले जांच हुई है. विक्रमादित्य आयोग ने इसकी जांच की थी. इसमें अनियमितता पायी गयी थी. वर्ष 2014 में तत्कालीन स्पीकर शशांक शेखर भोक्त ने अंतिम बार प्रमोशन दिया था. उस समय तत्कालीन स्पीकर ने अवर सचिव और उप सचिव के पद पर प्रोन्नति के लिए एक जांच कमेटी बनायी थी. इसके साथ ही जांच आयोग से तब अनुमति भी मांगी थी. भोक्ता के कार्यकाल में हुई प्रोन्नति पर भी सवाल उठे थे.