झारखंड विधानसभा से कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024 पारित, जानें इसमें किन बातों का किया गया है उल्लेख
झारखंड विधानसभा से कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024 पारित हो गया. विधेयक में कुल 24 अध्याय हैं, जिसमें 88 बिंदु है. इसमें कारा में प्रवेश व निकासी समेत बातों का उल्लेख किया गया है.
रांची: झारखंड विधानसभा से कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024 शुक्रवार को विधानसभा से पारित हो गया. मंत्री बैद्यनाथ राम ने ये विधेयक सदन में पेश किया. हालांकि, विधायक विनोद सिंह ने इसमें सुधार के लिए प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश. विधेयक को देखें तो इसमें कुल 24 अध्याय हैं, जिसमें 88 बिंदु है. विधेयक में कारा और सुधारात्मक संस्थाओं से संबंधित विधि में संशोधन करने व बंदियों की सुरक्षित व अभिरक्षा में सुधार, उत्थान और पुनर्वास की व्यवस्था होगी. साथ ही कारा और सुधारात्मक सेवाओं के प्रबंधन और उससे संबंधित या उससे जुड़े विषयों का प्रावधान किया गया है. इसे झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं अधिनियम-2024 कहा गया है.
अधिसूचना जारी होने के बाद ही होगा प्रभावी
हालांकि यह झारखंड सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद ही यह पूरे राज्य में प्रभावी होगा. इसमें कारा में प्रवेश व निकासी, खतरे का पूर्व संकेत, केस मैनेजमेंट, बंदियों का वर्गीकरण, मानवाधिकार, चिकित्सा व बंदियों के प्रकार को उल्लेख किया गया है. इसी तरह बंदियों के आवास, कारा का निर्माण, कारा का वर्गीकरण, कारा की सुरक्षा व बंदियों के लिए अस्थायी आवास का भी उल्लेख किया गया है.
अधिकारियों के कार्य और कर्तव्यों को भी किया गया है निर्धारित
राज्य सरकार अधिनियम और उसके अधीन बनाये गये नियमों के मुताबिक कारा एवं सुधारात्मक सेवाओं के प्रमुख को नियुक्त करेगी. कारा से जुड़े अधिकारियों के कार्य, चिकित्सा अधिकारी के कर्तव्य आदि भी निर्धारित किया गया है. अधिनियम में यह भी कहा गया है कि किसी कारा का कोई भी अधिकारी या उनके विश्वास का कोई व्यक्ति या उनके द्वारा नियोजित कोई व्यक्ति किसी बंदी को कोई वस्तु न तो बिक्री करेगा और न ही किराये पर देगा. न ही किसी बंदी के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई धन या अन्य व्यापारिक लेन-देन करेगा.
इन बातों पर दिया गया है जोर
कारा में प्रशासन, अभिरक्षा, सुरक्षा और सुधार को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक और अपडेट हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, डिजिटल प्लेटफार्म, नेटवर्क और साइबर सुरक्षा के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है. कारा में डिजिटल कौशल-सेट, क्लाउड स्टोरेज, बिग डाटा एनालिटिक्स व अन्य कृषित उपकरणों को लागू करना चाहिए.
विदेशी बंदियों की तत्काल देनी होगी सूचना :
राज्य के किसी कारा में अगर कोई विदेशी बंदी जैसे ही आता है, तो तत्काल इसकी सूचना कारा एवं सुधार सेवाएं के महानिरीक्षक को देनी होगी. इसकी जानकारी केंद्रीय विदेश मंत्रालय व अन्य एजेंसी को भी भेजनी होगी.
इनको कारागार अपराध घोषित किया गया है :
- कारा के किसी नियम की जानबूझकर अवहेलना कराना.
- किसी तरह का हमला या आपराधिक बल प्रयोग.
- अपमानजनक, धमकीपूर्ण व अपशब्द भाषा का प्रयोग.
- अनैतिक या अमर्यादित भाषा का प्रयोग.
- जानबूझकर श्रम करने में खुद को अक्षम बताना.
- बिना उचित अनुमति के हथकड़ी या सलाखों को रगड़ना, काटना, बदलना या हटाना.
- कठोर कारावास की सजा वाले बंदी द्वारा काम में जानबूझकर आलस्य या लापरवाही बरतना व कार्य का कुप्रबंधन करना.
- कारा या किसी संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना.
- किसी तरह का अभिलेख या दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़
- प्रतिबंधित सामान की तस्करी, प्राप्ति या लेन-देन.
- साथी बंदियों को यातना देना, फिरौती मांगना.बीमारी का बहाना बनाना.साथी बंदियों के प्रति यौन रुझान या उत्पीड़न.
- किसी कारा अधिकारी या बंदी के खिलाफ जानबूझकर झूठा आरोप लगाना.
- अपने व्यक्तित्व व प्रभाव से तलाशी से इनकार करना.
- किसी बंदी या कारा अधिकारी पर आगजनी, साजिश, भागने का प्रयास, तैयारी या हमला की तैयारी.
- किसी बंदी को भागने में मदद करना.
- कारा से बाहरी लोगों से अनधिकृत रूप से बात करना, फिरौती मांगना और धमकी देना.
- कारा सॉफ्टवेयर, डेटा, वेब पोर्टल, कनेक्टिविटी व हार्डवेयर से संबंधित साइबर अपराध. ऐसा कोई भी कार्य जिसे सरकार
- कारा अपराध के रूप में वर्गीकृत कर सकती है.
Also Read: झारखंड विधानसभा स्पीकर ने 18 विधायकों को किया सदन से निलंबित, अमर बाउरी बोले- ये लोकतंत्र की हत्या