झामुमो के लोबिन इशारा करते तो भाजपा विधायक बंद कर देते थे नारेबाजी, क्या दोनों खेल रहे हैं फ्रेंडली पारी?

सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक भानुप्रताप शाही ने मामला उठाते हुए कहा कि राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ा विषय है. कैबिनेट की बैठक बुलाकर नयी नियोजन नीति पास की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 16, 2023 10:36 AM

बुधवार को लगातार तीसरे दिन पहली पाली और दूसरी पाली में सदन की कार्यवाही बाधित रही. पहली पाली में भाजपा विधायक लगातार वेल में घुसे रहे और नारेबाजी करते रहे. विपक्ष के विधायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नयी नियोजन नीति के लिए जवाब पर अड़े थे. दूसरी पाली में सत्ता पक्ष द्वारा विपक्षी विधायकों के नारे लिखे टी-शर्ट को लेकर हंगामा किया गया. दोनों पक्ष वेल में घुस गये. सदन की कार्यवाही दूसरी पाली में दो-बार स्थगित हुई. विपक्ष की गैर मौजूदगी में सरकार ने अपना जवाब दिया.

सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक भानुप्रताप शाही ने मामला उठाते हुए कहा कि राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ा विषय है. कैबिनेट की बैठक बुलाकर नयी नियोजन नीति पास की गयी है. विशेष सत्र बुलाकर सर्वसम्मति से 1932 की नीति पास की गयी थी. उसका क्या हुआ, सरकार को बताना चाहिए़ स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि समस्या का समाधान हो जायेगा. स्पीकर के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक वेल में घुस गये और नारेबाजी करने लगे. वे सीएम मौनी बाबा मत बनो के नारे लगा रहे थे. हो-हंगामा के बीच ही प्रश्नकाल शुरू हुआ.

झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम का पहला प्रश्न था. हेंब्रम खड़े हुए, तो भाजपा विधायकों ने नारेबाजी रोक दी. हेंब्रम ने सवाल किया था कि राज्य में 23 वर्ष हो गये, पेसा कानून लागू नहीं है. नियमावली बनी नहीं है. यह शेड्यूल एरिया का कवच है. मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब में कहा कि सरकार नियमावली बना रही है. जल्द ही लागू कर देंगे. भाजपा विधायक नारा लिखा केसरिया टी-शर्ट पहन कर आये थे. इस पर स्पीकर ने आपत्ति जतायी. सदन में हो-हंगामा जारी था. शोर-शराबे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी. दुबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो भी मामला शांत नहीं हुआ. गतिरोध बना रहा.

आज कार्यमंत्रणा की बैठक :

लगातार तीसरे दिन सदन की कार्यवाही बाधित रही. गुरुवार को कार्यमंत्रणा की बैठक आहूत की गयी है. इस बैठक में पक्ष-विपक्ष के सदस्य गतिरोध दूर करने पर चर्चा कर सकते हैं. पक्ष-विपक्ष में सहमति बनी, तो सदन व्यवस्थित हो सकता है.

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