रांची: झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र पांच सितंबर को होना है. हालांकि सत्ता पक्ष ने इसे विशेष सत्र न कहकर मॉनसून सत्र के एक दिन की बची अवधि के सत्रावासन का दिन कहा है. संभावना जतायी जा रही है कि सत्र के दौरान राज्य सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है. सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार जातीय जनगणना, स्थानीय नीति का कट अॉफ डेट 1932 करने और ओबीसी के आरक्षण बढ़ाने पर बड़ा फैसला ले सकती है.
सूत्रों ने बताया कि इन तीनों मुद्दों पर ही राज्य सरकार कदम उठाना चाहती है, ताकि उस दिन विपक्ष चाहकर भी विरोध न कर पाये. सरकार खुद का विश्वास मत पेश कर विश्वास हासिल करेगी, ताकि विपक्ष को अगला छह महीने तक अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका ही न मिले. बताया गया कि शुक्रवार की दोपहर विधानसभा अध्यक्ष को कैबिनेट सचिव का पत्र मिल गया और विशेष सत्र में किस मुद्दे पर चर्चा होगी, यह भी बता दिया गया है.
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने मीडिया से कहा कि वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए विशेष सत्र बुलाया गया है. जिसमें कई विषयों पर विशेष चर्चा करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण, जातीय जनगणना व स्थानीय नीति जैसी अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. कोई बिल नहीं लाया जायेगा, मगर विशेष चर्चा कराकर सरकार सदन में विश्वास मत हासिल करेगी. अभी सदन की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
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इधर झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण झामुमो का एजेंडा रहा है. इन मुद्दों पर सदन में चर्चा होगी और जरूरत पड़ेगी तो एक दिन और बढ़ाया जा सकता है. एक दिन बढ़ाकर सत्रावासन किया जा सकता है. वहीं शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि स्थानीय नीति, नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण के साथ-साथ सुखाड़ पर भी चर्चा होगी. हम सब इसकी तैयारी कर रहे हैं.
Posted By: Sameer Oraon