बजट सत्र में मंगलवार को सरकार ने सदन में दुर्गा सोरेन विश्वविद्यालय विधेयक-2023 और जैन विवि विधेयक-2023 लाया. दोनों विधेयक को विपक्ष और पक्ष के कई सदस्यों ने प्रवर समिति को सौंपने की मांग की. इसको सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. विधायक विनोद सिंह, मनीष जायसवाल, अमित मंडल, अनंत ओझा, विरंची नारायण ने इसको प्रवर समिति को भेजने का आग्रह किया. विधायकों का तर्क था कि निजी विश्वविद्यालयों की जांच के लिए विधानसभा से स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है.
इसकी रिपोर्ट का इंतजार कर लेना चाहिए. इसमें 75 फीसदी स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की बात भी नहीं है. स्थानीय कौन है. यह भी अभी तय नहीं है. कई निजी विवि दो-दो कमरे में चल रहे हैं. प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जैन विवि जहां भी चल रहा है. वहां उसकी ग्रेडिंग अच्छी है. नैक ने ए प्लस-प्लस ग्रेडिंग की है. यह भी तय किया गया है कि इसमें 50 फीसदी स्थानीय छात्रों का नामांकन होगा.
दो विश्वविद्यालय विधेयक पारित होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा को बेहतर करने का प्रयास जारी है. केवल विश्वविद्यालय ही नहीं स्कूलों को भी उत्कृष्ट करने का काम चल रहा है. स्कूलों को राज्य सरकार नये तरीके से नये पैमाने पर वर्तमान परिस्थितियों के साथ बच्चे कदम मिला पाये इसे लेकर आगे बढ़ रहे हैं. राज्य में जितनी अधिक संस्थाएं होंगी, तो शिक्षा में कंपीटिशन की भावना होगी और बच्चों को और बेहतर करने का अवसर मिलेगा.