Loading election data...

झारखंड विधानसभा के 80 अफसरों से 93.03 लाख वसूली का आदेश, 40 हो चुके रिटायर, 12 की हो गयी है मौत

विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच करने के लिए गठित विक्रमादित्य आयोग ने इस गड़बड़ी की जांच की थी. विक्रमादित्य आयोग का कहना था कि एक आदेश में बदलाव कर 80 लोगों ने गलत तरीके से गुरुत्तर भत्ता लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2024 12:00 PM

आनंद मोहन, रांची : विधानसभा के 80 पदाधिकारियों द्वारा गुरुत्तर भत्ता (अपने दायित्वों का जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन के लिए लिया गया लाभ) के रूप में लिये गये करीब 93.03 लाख रुपये की वसूली की जायेगी. विधानसभा सचिवालय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. विधानसभा की ओर से यह भत्ता उठानेवाले 80 पदाधिकारियों की सूची तैयार की गयी है. हर पदाधिकारी से औसतन एक लाख रुपये की वसूली होनी है. विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पदाधिकारी इसे एकमुश्त या फिर किस्तों में इसे जमा करा सकते हैं. किस्त की राशि मूल वेतन या पारिवारिक पेंशन के 10 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए. इन 80 पदाधिकारियों की सूची में 12 पदाधिकारियों की मृत्यु भी हो चुकी है. अब इस राशि की कटौती उनके पारिवारिक पेंशन की राशि से होगी. वहीं करीब 40 पदाधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

उल्लेखनीय है कि विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच करने के लिए गठित विक्रमादित्य आयोग ने इस गड़बड़ी की जांच की थी. विक्रमादित्य आयोग का कहना था कि एक आदेश में बदलाव कर 80 लोगों ने गलत तरीके से गुरुत्तर भत्ता लिया है. इनसे वसूली की जानी चाहिए. विक्रमादित्य आयोग के कानूनी पहलुओं की समीक्षा के लिए बने एसजे मुखोपाध्याय आयोग ने विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट को सही ठहराया और उन्होंने भी राशि वसूलने की अनुशंसा की है. विधानसभा ने विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट के आलोक में की गयी कार्रवाई से जुड़ी कृत कार्रवाई रिपोर्ट(एटीआर) पेश कर कहा कि वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. एटीआर का हवाला देते हुए विधानसभा सचिवालय ने चिह्नित अधिकारियों को पत्र भेजकर वसूली की सूचना दे दी है.

तत्कालीन सचिव अमरनाथ झा की हो चुकी है मौत, उनसे भी वसूली का आदेश

विधानसभा के तत्कालीन सचिव अमरनाथ झा के कार्यकाल में यह गड़बड़ी हुई थी. उन्होंने अवर सचिव स्तर के अधिकारियों की जगह सचिव लिख दिया. इस आदेश को बाद विशेष सचिव, सचिव सभी को इस भत्ते का भुगतान हो गया. इस फैसले पर राज्यपाल की भी सहमति नहीं ली गयी थी. विधानसभा के तत्कालीन सचिव से भी वसूली का आदेश हुआ है. स्व झा की पत्नी का भी निधन हो गया है. ऐसे में उनको अब पारिवारिक पेंशन भी नहीं मिल रहा है.
वसूली में है अड़चन, कोर्ट के आदेश पर सरकार ने कई मामले में लगायी है रोक
इधर, गुरुत्तर भत्ता की वसूली को लेकर अड़चन भी है.

कोर्ट के आदेश के बाद इस संबंध में एक आदेश सरकार की ओर से ही निकाला गया है. इसमें कहा गया है कि यदि त्रुटिवश किसी कर्मचारी को उनकी हकदारी से अधिक वेतन-भत्ता या अन्य तरह का भुगतान हो गया है और ऐसे भुगतान पाने में संबंधित पदाधिकारी या कर्मचारी की सहभागिता नहीं है या उनके द्वारा कोई फ्रॉड का सहारा नहीं लिया गया है, तो ऐसे में कुछ मामले में वसूली नहीं हो सकती है. विभागीय आदेश में जो शर्तें लगायी गयी हैं, उनके अनुसार तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों से वसूली नहीं हो सकती है. सेवानिवृत्त या एक वर्ष के अंदर सेवानिवृत्त होनेवाले सरकारी सेवक से वसूली नहीं हो सकती है. उन सरकारी सेवकों से, जिन्होंने पांच वर्ष से अधिक अवधि के लिए भुगतान लिया हो, उनसे भी वसूली नहीं हो सकती. विभागीय आदेश में पांच शर्तों का उल्लेख है.

Next Article

Exit mobile version