Jharkhand News: गुरुवार को महाधिवक्ता राजीव रंजन और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के बातचीत का मामला सदन में गरमाया. महाधिवक्ता द्वारा अवैध खनन मामले में गिरफ्तार पंकज मिश्रा के लिए वकील का इंतजाम करने को लेकर भाजपा विधायकों ने सरकार को घेरा. प्रभात खबर में छपी खबर का हवाला देते हुए भाजपा विधायक विरंची नारायण ने कहा कि महाधिवक्ता आपराधिक षडयंत्र में शामिल हैं.
वह एक अपराधी को बढ़ावा दे रहे हैं. पूरे मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. वह प्रभात खबर की प्रति लेकर सदन में पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है. राज्य सरकार महाधिवक्ता को बर्खास्त करें. राज्य में घोटाले हो रहे हैं. जांच को प्रभावित करने का काम हो रहा है. महाधिवक्ता को हटाने की मांग पर अड़े भाजपा विधायक वेल में घुस गये. विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य को लूटने और उसकी सजा से बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे सरकार अपना रही है. सरकार पंकज मिश्रा व अन्य अपराधियों को बचाने और केस को मैनेज करने का प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार और महाधिवक्ता सारी चीजें बता रहे है. ऐसे लोगों को सरकार को हटाना चाहिए. इनकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए.
अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने प्रभात खबर में प्रकाशित ‘महाधिवक्ता ने पंकज के लिए वकील का इंतजाम किया. वह इडी कार्यालय गया, कोतवाली में भी मुलाकात की’ शीर्षक समाचार पर अपना पक्ष पेश किया है. उन्होंने कहा है कि 20 जुलाई को पीएमएलए कोर्ट के आदेश के आलोक में वह 23 जुलाई को इडी कार्यालय मे वकालतनामा दस्तखत कराने गये थे, लेकिन उन्हें न तो पंकज से मिलने दिया गया.
न ही वकालतनामा पर दस्तखत कराया गया. उन्होंने इडी कार्यालय या कोतवाली में कभी पंकज मिश्रा से मुलाकात नहीं की. इसके बाद 26 जुलाई को जब पंकज मिश्रा का रिमांड पीरियड समाप्त हुआ, उस वक्त उन्होंने न्यायालय को इस बात की जानकारी दी थी. इसके बाद न्यायालय के आदेशानुसार कोर्ट रूम में ही वकालतनामा पर पंकज मिश्रा से दस्तखत कराया, जिसे इडी के अधिकारी ने अभिप्रमाणित किया.