झारखंड विधानसभा में कैसे हुआ था नियुक्ति घोटाला, इन लोगों को ठहराया गया था दोषी

आलमगीर के समय नियुक्ति में पैसे की लेन-देन का मामला सामने आया था. तत्कालीन राज्यपाल सिब्ते रजी ने जांच के आदेश दिये थे. सबसे पहले सेवानिवृत्त न्यायाधीश लोकनाथ प्रसाद ने मामले की जांच की

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2023 7:08 AM

रांची. विधानसभा में अवैध नियुक्ति व प्रोन्नति का मामला लंबे समय से चल रहा है. राज्य के पहले स्पीकर इंदर सिंह नामधारी के कार्यकाल में 274 व स्पीकर आलमगीर के कार्यकाल में 324 लोगों की नियुक्ति हुई थी. वहीं, स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने गलत तरीके से लोगों को प्रोन्नत किया. श्री नामधारी के समय एक जिला से 70 फीसदी लोगों की बहाली की गयी.

आलमगीर के समय नियुक्ति में पैसे की लेन-देन का मामला सामने आया था. तत्कालीन राज्यपाल सिब्ते रजी ने जांच के आदेश दिये थे. पहले सेवानिवृत्त न्यायाधीश लोकनाथ प्रसाद ने जांच की, उसके बाद जांच का जिम्मा सेवानिवृत्त न्यायाधीश विक्रमादित्य प्रसाद को मिला. वर्ष 2018 में विक्रमादित्य ने तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (वर्तमान में राष्ट्रपति) को जांच रिपोर्ट सौंपी. श्रीमती मुर्मू ने जांच रिपोर्ट विधानसभा को कार्रवाई के लिए भेज दिया.

इनको माना गया था दोषी

पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी, आलमगीर आलम, शशांक शेखर भोक्ता, तत्कालीन पूर्व तीन विधानसभा के सचिव और छह से ज्यादा विधानसभा के पदाधिकारी व कर्मी.

विधानसभा अध्यक्ष को मिला था कार्रवाई का निर्देश

झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच की जांच जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की एक सदस्यीय आयोग ने की थी. आयोग ने राज्यपाल को वर्ष 2018 में रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन उक्त आयोग की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. और उसकी रिपोर्ट को जांचने के लिए एक दूसरा आयोग बना दिया गया है.

झारखंड हाइकोर्ट ने की सुनवाई

झारखंड हाइकोर्ट ने झारखंड विधानसभा में लगभग 150 से अधिक अवैध नियुक्तियों के मामले में दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व विधानसभा का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने इस मामले में जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की एक सदस्यीय आयोग द्वारा तैयार की गयी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

Next Article

Exit mobile version