Jharkhand News: विधानसभा की विशेष समिति ने की बैठक, समिति ने सुना बीआइटी प्रबंधन व रैयतों का पक्ष
बीआइटी मेसरा द्वारा अधिग्रहित भूमि को लेकर मंगलवार को विधानसभा विशेष समिति (प्रश्न) की बैठक मेसरा पूर्वी पंचायत सचिवालय में हुई. समिति के अध्यक्ष स्टीफन मरांडी ने रैयतों व बीआइटी प्रबंधन का पक्ष सुना.
रांची: बीआइटी मेसरा द्वारा अधिग्रहित भूमि को लेकर मंगलवार को विधानसभा विशेष समिति (प्रश्न) की बैठक मेसरा पूर्वी पंचायत सचिवालय में हुई. समिति के अध्यक्ष स्टीफन मरांडी ने रैयतों व बीआइटी प्रबंधन का पक्ष सुना. रैयतों की ओर से लखिंद्र पाहन ने कहा कि कोई भी जमीन बिना ग्राम सभा की अनुमति के बगैर अवैध है. मुखिया कुशल मुंडा, जावेद अख्तर अंसारी, मालती देवी, बाबूलाल महतो व झबुलाल महतो ने भी अपनी बातें रखी. वहीं बीआइटी मेसरा के कुलपति इंद्रनील मन्नान,
रजिस्ट्रार सुखपाल सिंह खेतरपाल व उप रजिस्ट्रार एसपी मिश्रा ने जमीन अधिग्रहण व खरीदी गयी जमीन से संबंधित जानकारी दी. समिति ने विवादित भूमि का स्थल निरीक्षण भी किया. समिति जांच प्रतिवेदन विधान सभा में रखेगी.
इससे पूर्व ग्रामीण महिलाएं बीआइटी के विरुद्ध नारे लिखी तख्तियां लेकर मौन विरोध जता रही थीं. बैठक में समिति की ओर से विधायक लोबिन हेंब्रम, विधायक राजेंद्र सिंह, विधानसभा के संयुक्त सचिव धनेश्वर राणा, अनुमंडल पदाधिकारी दीपक दुबे, अपर समाहर्ता राजेश बरवार, ग्रामीण एसपी नौशाद आलम, सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार, थाना प्रभारी विपुल ओझा के अलावे ग्रामीण मौजूद थे.
जमीन संबंधित विवाद से संस्थान की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल असर : कुलपति
कुलपति इंद्रनील मन्नान ने कहा कि बीआइटी मेसरा देश का गौरव है. इसकी अपनी पहचान है. जमीन से संबंधित विवाद के कारण संस्थान की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल असर पड़ा है. इसकी रैंकिंग गिर रही है. सुरक्षा को लेकर चहारदीवारी करने की अनुमति दी जाये. प्रशासन द्वारा सीमांकन कराया जा चुका है.
हमें अपनी जमीन से मतलब है : रजिस्ट्रार
रजिस्ट्रार सुखपाल सिंह खेतरपाल ने कहा कि हमें सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन व खरीदी गयी जमीन से मतलब है. रैयत अपनी जमीन में कार्य कर सकते हैं.