झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने दिए ये निर्देश
स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने सत्र के एक दिन पहले उच्चस्तरीय बैठक बुलायी थी. वे पहले विधायक दल के नेताओं के साथ बैठे. बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, प्रतिपक्ष के नेता अमर बाउरी, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, माले विधायक विनोद सिंह और डॉ लंबोदर महतो शामिल हुए.
रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू होगा. पांच कार्य दिवस वाले इस सत्र में 18 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2023-24 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया जायेगा. विधानसभा सत्र को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. बुधवार को लोकसभा में दो युवकों के सदन के अंदर कूदने की घटना के बाद विधानसभा की सुरक्षा की भी समीक्षा की गयी है. स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है.
स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने की उच्चस्तरीय बैठक
स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने सत्र के एक दिन पहले उच्चस्तरीय बैठक बुलायी थी. वे पहले विधायक दल के नेताओं के साथ बैठे. बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, प्रतिपक्ष के नेता अमर बाउरी, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, माले विधायक विनोद सिंह और डॉ लंबोदर महतो शामिल हुए. बैठक में सदन को सुचारू रूप से चलाने को लेकर सहमति बनायी गयी. वहीं उच्चस्तरीय बैठक में सदन की कार्यवाही के दौरान व्यवस्था बनाने पर चर्चा हुई. प्रशासन व खुफिया शाखा के अधिकारियों ने सुरक्षा का जायजा भी लिया है.
शोक प्रकाश के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित
इधर, सत्र के पहले दिन शोक प्रकाश के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जायेगी. 19 दिसंबर को सदन में अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद होगा. इसके साथ ही विनियोग विधेयक सदन में पेश किये जायेंगे. सदन में अंतिम दिन 21 दिसंबर को राजकीय विधेयक व गैर सरकारी संकल्प लाये जायेंगे. सदन में सारे विधायी कार्य 20 दिसंबर तक पूरा करने को लेकर पक्ष-विपक्ष में सहमति बनी है, जिससे अंतिम दिन गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा का समय मिल पाये.
जनहित के मुद्दों पर सकारात्मक बहस हो
स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि राज्य की जनता अपनी समस्याओं और आकांक्षाओं को लेकर सदन पर निगाहें रखती है. जनता के सवाल सदन में आने चाहिए. समस्याओं व जनहित के मुद्दों पर सकारात्मक बहस होनी चाहिए. हमने प्रतिपक्ष के नेता से सहयोग मांगा है और वह खुद भी बहुत सकारात्मक हैं. उनकी भी इच्छा है कि सदन के समय का सदुपयोग होना चाहिए.