Jharkhand News: रांची-झारखंड के 12 जिलों के 2300 सहायक पुलिसकर्मी झारखंड पुलिस में समायोजन की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं, लेकिन कोई उनकी सुध नहीं ले रहा है. इस कारण उनमें आक्रोश है. सहायक पुलिसकर्मी सोमवार को मोरहाबादी से राजभवन घेराव करने के लिए निकले. इसकी जानकारी मिलते ही भारी संख्या में रैपिड एक्शन पुलिस एवं जिला बल को तैनात कर मोरहाबादी टीओपी के समीप बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया गया.
सहायक पुलिसकर्मी सात घंटे तक करते रहे प्रदर्शन
सहायक पुलिसकर्मी सोमवार को दिन के 12 बजे से शाम सात बजे तक लगातार सात घंटे तक प्रदर्शन करते रहे. बाद में सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने उन्हें डीआइजी, आयुक्त, उपायुक्त व एसएसपी को मांग पत्र सौंपने और प्रतिनिधिमंडल को उन अधिकारियों से मिलाने का आश्वासन दिया. इसके बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया. इस दौरान वहां रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर राजेश्वर नाथ आलोक, एसडीएम उत्कर्ष कुमार, डीएसपी संजीव बेसरा, प्रकाश सोय, केवी रमन समेत कई थाना प्रभारी तथा काफी संख्या में पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे.
सरकार ने समझ रखा है बंधुआ मजदूर
झारखंड सहायक पुलिस एसोसिएशन के सचिव विवेकानंद गुप्ता ने कहा कि सरकार ने हमें बंधुआ मजदूर समझ लिया है. हमें सात वर्षों से दस हजार रुपये में खटाया जा रहा है. हमें तो सरकार द्वारा तय मजदूरी भी नहीं दी जा रही है. सरकार द्वारा तय मजदूरी अकुशल श्रमिकों को 12293, अर्द्धकुशल को 12784, कुशल श्रमिक को 16835 तथा उच्च कौशल प्राप्त श्रमिकों को 19467 रुपये मिलता है. देखा जाये, तो हमलोग अकुशल श्रमिकों से भी बदतर हैं. हम सभी लोग उच्च कौशल प्राप्त हैं. यदि सरकार द्वारा तय मजदूरी भी हमें दी जाये, तो हमलोग उच्च कौशल प्राप्त श्रमिकों को मिलने वाले 19467 रुपये के हकदार हैं. सहायक पुलिसकर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना अब भी जारी है.
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