झारखंड सरकार द्वारा सरकारी विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2400 पदों पर रोस्टर क्लियर होने के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसा नियुक्ति परिनियम में संशोधन व झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) को लेकर संभव है. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा विवि को नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव शीघ्र जेपीएससी को भेजना है, लेकिन विभाग द्वारा 24 फरवरी 2023 को निर्गत परिनियम इस विलंब का कारण बन सकता है.
इस परिनियम के अनुसार एक जुलाई 2023 के बाद ऐसे अभ्यर्थी ही असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के पात्र माने जायेंगे, जिन्होंने आवेदन की तिथि तक पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली हो. ऐसी स्थिति में जेआरएफ/नेट/स्लेट(जेट) उत्तीर्ण अभ्यर्थी उक्त पद पर आवेदन करने से वंचित हो जायेंगे, जबकि यूजीसी ने 30 जून 2023 को निर्गत गजट अधिनियम के माध्यम से जेआरएफ/नेट/स्लेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति के योग्य घोषित किया है.
अब अगर जेआरएफ/नेट/स्लेट(जेट) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इस अवसर से वंचित किया जाता है, तो कई कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है. अब जब तक उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा परिनियम में आवश्यक संशोधन नहीं कर दिया जाता है, तब तक नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाना संभव नहीं होगा. इस बीच में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी विवि को पत्र भेजा है,
जिसमें परिनियम में आवश्यक संशोधन को सिंडिकेट या सीनेट से पारित कर विभाग को भिजवाने के लिए कहा गया है, लेकिन आज तक किसी भी विवि ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के इस पत्र में अन्य संशोधनों पर भी विचार करने के लिए कहा गया है. इधर राज्य में पहली बार जेट का आयोजन 2006 में किया गया था.
कई एमए पास अभ्यर्थियों का मानना है कि 17 वर्षों से जेट परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ है. इसलिए जेट परीक्षा के बाद ही नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ की जाये. ऐसा नहीं होने की स्थिति में विद्यार्थी आंदोलन के मूड में हैं. हालांकि उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी विवि को जेपीएससी द्वारा जेट के आयोजन से संबंधित परिनियम को भी सिंडिकेट/सीनेट से पारित करा कर भेजने के लिए कहा है.
जेएसएससी ने संयुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा-2016 के तहत संस्कृत विषय के 37 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया है. आयोग ने रिक्त पदों के विरुद्ध संस्कृत विषय के अभ्यर्थियों का परीक्षाफल आवंटित जिले के साथ विषयवार व कोटिवार जारी किया है. सभी अभ्यर्थी सामान्य कोटि में सफल घोषित हुए हैं. आयोग ने कहा है कि संस्कृत विषय का यह परीक्षाफल अंतिम नहीं है. अंतिम परीक्षाफल के बाद अभ्यर्थियों का न्यूनतम कट ऑफ मार्क्स जारी किया जायेगा.